बुझोबल पहेली संग्रह को समर्पित रचना मनीष “माना” द्वारा May 15, 2020 Poems 2 Comments सुप्र्शिद्ध कवी महादेव प्रेमी द्वारा संकलित एवं रचित प्रथम पुस्तक बुझोबल को समर्पित यह रचना Spread the love
शीर्षकहीन हिंदी कविता -डा संजय जैन रचित Sanjaya Jain May 15, 2020 Poems 0 Comments Many situations, One description. Interpretation is all yours. an untitled poem by Dr. Sanjay Jain Spread the love
व्यग्र पाण्डेजी की प्रथम प्रकाशित पुस्तक ” कौन कहता है… ” पर रचित कविता Maneesh Agrawal Mana May 15, 2020 Poems 0 Comments गंगापुर सिटी का साहित्यकार की दृष्टि से सबका जाना-पहिचाना नाम है व्यग्र पाण्डे । आपके अबतक तीन काव्य-संग्रह किताबगंज प्रकाशन से प्रकाशित हो चुके हैं… Spread the love
“काम क्रोध मद लोभ” हिंदी कविता Mahadev Prashad Premi May 11, 2020 Poems 0 Comments यह कविता जिसका शीर्षक है” काम क्रोध मद लोभ ” आज के मनुष्य की इन चार विनाशकारी प्रब्रतियो में लिप्त होने की व्यथा व्यक्त करती… Spread the love
“ज्यों जल” हिंदी कविता by Mahadev Premi Mahadev Prashad Premi May 10, 2020 हिंदी कविता 1 Comment नाव में बढ़ा जल और घर में बढे धन दौलत की एक ही दशा होती है. जैसे नाव में बढ़ा जल अगर अंजलि भर भर… Spread the love
साईं हिंदी कविता by Mahadev “premi” Mahadev Prashad Premi May 9, 2020 Poems 0 Comments आज मेरी कविता साईं इस संसार के छल कपट मोह माया के जाल में फंसे हुए इंसान की तरफ इंगित करती है. की कैसे इस… Spread the love
“दौलत” Doulat Hindi Poem by Mahadev Premi Mahadev Prashad Premi May 8, 2020 Poems 0 Comments आज की मेरी रचना दौलत रुपी मिथ्या भुलाबे में जो मानव जगत अपनी बहुमूल्य निधि अपना परिवार और मानव धर्म को भूल रहा है. उस… Spread the love
“तिनका ” हिंदी कविता by Mahadev premi Mahadev Prashad Premi May 7, 2020 Poems 0 Comments आज की मेरी कविता उन दुराभावो को दूर करने के लिए प्रेरित है जिस के चलते हम अपने से तुच्छ या नीचे ओहदे बाले व्यक्तियों… Spread the love
Kalyug (कलयुग) हिंदी कविता by Mahadev Premi Mahadev Prashad Premi May 5, 2020 Poems 0 Comments कलयुग की उल्टी लीला से सभी सामना कर रहे है. कलयुग के रूप में जो उल्टी गंगा बह रही है उसका सटीक वर्णन करती हुई… Spread the love
Duniyadaari (दुनियादारी ) हिंदी कविता by Mahadev ‘Premi “ Mahadev Prashad Premi May 5, 2020 Poems 1 Comment Duniyadaari (दुनियादारी ) kundili रचना इस दिनिया के मायाजाल को देख कर बनायीं है ,कैसे मनुष्य इस मायाजाल में फंसकर अपनी साड़ी जिंदगी व्यर्थ क्र… Spread the love