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Tag: kabira

Koyala Hindi poem

कोयला -हिंदी कविता- रचियता महादेव प्रेमी

 मनुष्य जीवन की उन्नति संगति से ही होती है। संगति से उसका स्वभाव परिवर्तित हो जाता है। संगति ही उसे नया जन्म देता है। जैसे,…

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