भय मुक्त भ्रष्टाचार-हास्य व्यंग्य Ram Kumar Joshi November 3, 2025 व्यंग रचनाएं 1 Comment “He dangled his legs on a high hanger and cursed everyone — from the central government to the department engineer.” “The British-era bridges stand a… Spread the love
रिस्क और रिश्वत-हास्य व्यंग्य Ram Kumar Joshi November 3, 2025 व्यंग रचनाएं 0 Comments “Rishvat is based on risk” — this new law of modern Indian economics explains it all. Whenever risk rises, the bribe amount inflates proportionally. From… Spread the love
गरमा-गरम फुल्के की तलाश डॉ मुकेश 'असीमित' October 30, 2025 लघु कथा 0 Comments मध्यमवर्गीय घरों में शादी अब दहेज या कुंडली से नहीं, फुल्का-कला से तय होती है। बब्बन चाचा का सपना था — एक ऐसी बहू जो… Spread the love
दोस्ती की सीमा और फेसबुक का परिवार नियोजन कार्यक्रम डॉ मुकेश 'असीमित' October 30, 2025 व्यंग रचनाएं 0 Comments फेसबुक अब भावनाओं पर भी पाबंदी लगाने वाला पहला सोशल प्लेटफॉर्म बन गया है। पाँच हज़ार दोस्त पूरे होते ही दिल कहता है “Accept,” और… Spread the love
गालों की लाली- हो गई गाली Ram Kumar Joshi October 20, 2025 संस्मरण 0 Comments “कभी सूर्योदय से पहले नहीं उठने वाले अब मुंह-अंधेरे ‘हेलो हाय’ करते जॉगिंग पर हैं। ट्रैक सूट, डियोडरेंट और महिला ट्रेनर ने जैसे रिटायरमेंट में… Spread the love
जूता पुराण : शो-टाइम से शू-टाइम तक डॉ मुकेश 'असीमित' October 11, 2025 व्यंग रचनाएं 0 Comments इन दिनों जूते बोल रहे हैं — संसद से लेकर सेमिनार तक, हर मंच पर चप्पलें संवाद कर रही हैं। कभी प्रेमचंद के फटे जूतों… Spread the love
करवा चौथ का व्रत-हास्य-व्यंग्य डॉ मुकेश 'असीमित' October 10, 2025 व्यंग रचनाएं 0 Comments करवा चौथ का व्रत अब प्रेम का नहीं, रिचार्ज का उत्सव बन गया है — पतियों की “लाइफटाइम वैलिडिटी” हर साल नए गिफ्ट और पैक… Spread the love
मध्यमवर्गीय शादियाँ : परंपरा, शोभा और तकनीक का तड़का डॉ मुकेश 'असीमित' October 10, 2025 हास्य रचनाएं 0 Comments हमारे इलाक़े की मध्यमवर्गीय शादियाँ किसी भूले-बिसरे लोकगीत के रीमिक्स जैसी होती हैं — धुन परंपरा की, बोल नए ज़माने के। रिश्ता तय होने की… Spread the love
गरबा का थोथा गर्व-व्यंग्य रचना डॉ मुकेश 'असीमित' October 1, 2025 व्यंग रचनाएं 0 Comments नवरात्रि आते ही शहर गरबा-डांडिया के बुखार में तपने लगता है। भक्ति पीछे, डीजे आगे—फ़ैशन शो, सेल्फ़ी, और सार्वजनिक रोमांस! माँ दुर्गा कोने में दो… Spread the love
दिल का मामला है-हास्य व्यंग्य रचना डॉ मुकेश 'असीमित' October 1, 2025 हास्य रचनाएं 0 Comments “दिल का मामला है जी – एक दिन में कहाँ सिमट पाता है! वैलेंटाइन डे ने तो पूरे सात दिन का सरकारी-सा कार्यक्रम बना दिया… Spread the love