प्रकाश है सनातन-कविता रचना Prahalad Shrimali October 20, 2025 Hindi poems 0 Comments “बहती प्रकाश की ओर अगर है ज़िंदगी, तो हर अंधकार भी एक पड़ाव मात्र है। जो दीप भीतर जलता है — वही अमर है, वही… Spread the love
उठ ,चल ,फिर दौड़-Poems-Hindi Vidya Dubey July 10, 2025 हिंदी कविता 2 Comments यह कविता जीवन के संघर्ष, आत्मविश्वास और लक्ष्य साधना की प्रेरणा देती है। गिरने, थमने और लड़खड़ाने के बीच भी उठकर आगे बढ़ते रहने की… Spread the love