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Tag: हिंदी कविता

Minimalistic abstract line-art book cover illustrating a smiling figure, folk life motifs, music notes, and a meditating sage, symbolizing Kundaliya poetry’s rhythm, humor, philosophy, and folk essence.

कुण्डलियों की विरासत : महादेव प्रसाद ‘प्रेमी’ का संग्रह

यह संग्रह महादेव प्रसाद ‘प्रेमी’ की कुण्डलियों का संकलन है, जिसे डॉ. मुकेश असीमित ने संपादित व प्रस्तुत किया है। इसमें प्रत्येक कुण्डली के साथ…

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एक मिनिमलिस्टिक अमूर्त चित्र जिसमें एक नाज़ुक लाल रक्षा सूत्र का धागा, एक प्रज्वलित मशाल के चारों ओर लिपटा है, पृष्ठभूमि में गहरे साये में छिपे भयावह पंजों की परछाइयाँ। धागा और मशाल मिलकर सुरक्षा और संकल्प का प्रतीक बनते हैं।

रक्षा सूत्र का प्रण-कविता रचना

रक्षा सूत्र का संकल्प सिर्फ परंपरा नहीं, यह भय के अंधेरों में जलती प्रतिज्ञा की मशाल है। नाज़ुक धागे में बंधा विश्वास, समाज की दरारों…

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"मायके की याद में भावुक स्त्री, पुराने आंगन और चौबारे को निहारती हुई।"

मुझको मेरा मायका दे दो-कविता रचना

यह कविता मायके की गहरी भावनात्मक यादों को समेटे हुए है। इसमें एक बेटी का अपने बचपन के आंगन, गली-चौबारे, पुराने नाम, प्यार-दुलार और पुरानी…

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व्यंग्यात्मक प्रतीकों का एक चित्र जिसमें आम, बंदर, सांप, दीवारें, नेता आदि को व्यंग्य के भाव में प्रस्तुत किया गया है।

आजाद गजल -क्या मिला!

प्रह्लाद श्रीमाली की यह रचना हास्य और कटाक्ष के माध्यम से सामाजिक व्यवहारों, ढकोसलों और राजनीतिक विडंबनाओं पर करारा व्यंग्य करती है। ‘क्या मिला?’ के…

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एक प्राकृतिक पत्थर जो मंदिर, नदी, रास्ते और पहाड़ से जुड़ी विविधता को दर्शाता है; आधा तराशा गया, आधा बिखरा हुआ।

एक पत्थर की कहानी -कविता रचना

विद्या पोखरियाल की यह कविता “पत्थर हूं मैं” जीवन की विसंगतियों को एक प्रतीक के रूप में प्रस्तुत करती है। यह पत्थर कभी पूजित है,…

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कोई हमारे नाम के आगे भी तखल्लुस सुझाए -व्यंग रचना

‘कोई हमारे नाम के आगे भी तखल्लुस सुझाए -व्यंग रचना’ में लेखक ने अपने लेखनी के सफर को जिस खूबसूरती से बयां किया है, वह…

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uthana नहीं हिंदी कविता

‘उठाना नहीं’ Hindi Kavita Poem अतुकांत कविता-Mahadev Premi

‘उठाना नहीं‘ जिन्दगी का एक सीधा सा गणित याद रखो, जहाँ कदर नहीं,वहां जाना नहीं, जो पचता नहीं,उसे खाना नहीं, और जो सच वोलने पर…

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