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कैसे एक कंपनी महान बनती है -good to great company-Book summery Jim Collins

एक प्रेरणादायक दृश्य जिसमें एक बिजनेस लीडर पहाड़ी की चोटी पर खड़ा है, नीचे उगता हुआ सूरज, और दूर दूर तक फैली सफल कंपनियों के प्रतीक चिन्ह, जो महानता की ओर बढ़ने की यात्रा को दर्शाता है।

अपनी नेतृत्व क्षमता के विषय में

दोस्तों, आज मैं बात करूँगा कि कैसे कुछ कंपनियाँ “अच्छी” नहीं बल्कि “महान” बनती हैं। देखिए, आजकल बहुत सारे अच्छे स्कूल, व्यवसाय और अस्पताल मौजूद हैं, लेकिन इन्हें सभी को महान नहीं कहा जा सकता। महान वे होते हैं जो कुल संख्या का मात्र एक प्रतिशत होते हैं — शेष ९९ प्रतिशत या तो औसत होते हैं या केवल “अच्छे”। महान वही कंपनियाँ होती हैं जिनका लक्ष्य, मिशन और दृष्टिकोण (विज़न) महानता से भरा हुआ हो — जिनमें परोपकारी, कल्याणकारी भाव निहित हो और जो दूसरों की मदद के संकल्प के साथ कार्य करें।

मैं उदाहरण देना चाहूँगा — ऐमेज़न का। ऐमेज़न महान क्यों है? क्योंकि उसने हमेशा ग्राहक-केन्द्रित नीतियाँ बनाईं। उसका सिद्धांत रहा — ग्राहक ही राजा है

यहाँ आपको यह समझना पड़ेगा कि “अच्छे” और “महान” में अंतर क्या है। “व्हाट इज़ द डिफरेंस बिटवीन गुड एंड ग्रेट?” यदि हम कहें कि “गुड इज़ द एनिमी ऑफ़ ग्रेट”, तो यह कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। दोस्तों, मैं आपको एक पुस्तक की सिफारिश करता हूँ — गुड टु ग्रेट, जिसे जिम कॉलिन्स ने लिखा है। यह पुस्तकों की दुनिया की एक बेस्टसेलर है।

यदि आप एक व्यवसायी (बिज़नेस ओनर), उद्यमी (एंटरप्रेन्योर) हैं, या आपने कोई स्टार्टअप प्रारंभ किया है या पहले से ही व्यवसाय में सक्रिय हैं, तो आपको यह पुस्तक अवश्य पढ़नी चाहिए। इस पुस्तक में कई कंपनियों पर दीर्घकालिक शोध किया गया है — उनके स्टॉक मार्केट ट्रेंड्स, कार्यप्रणाली, साक्षात्कार, कंपनी विज़िट आदि के माध्यम से लेखक ने यह निष्कर्ष निकाला कि कौन से ऐसे तत्व हैं जो कुछ कंपनियों को “महान” बना देते हैं, जबकि अन्य कंपनियाँ जो प्रारंभ में अच्छा प्रदर्शन करती हैं, समय के साथ धीमे-धीमे नीचे गिरने लगती हैं।

दोस्तों, सबसे पहली बात जो किसी कंपनी को महान बनाती है, वह है — हेजहॉग कॉन्सेप्ट। इसका मतलब है कि आपको यह समझना पड़ेगा कि आपके व्यवसाय में वह कौन-सी खास बात या मूल तत्व है, जिसे हर परिस्थिति में बचाकर, सँजोकर रखना है। यानी यदि प्रतिकूल परिस्थितियाँ भी आ जाएँ, तब भी आप अपनी कंपनी की उस “वेल्यू”, “प्रॉमिस” या “मजबूत बिंदु” को जीवित रख पाएँ।

यह बिलकुल उसी तरह है जैसे लोमड़ी चालाकियाँ करके थक जाती है, लेकिन हेजहॉग यानी झाँमुशा (कांटेदार जीव) अपने आप को समेट लेता है, एकदम कठोर सुरक्षा कवच बना लेता है, और जैसे ही खतरा टलता है — फिर से चलने लगता है।

दूसरा महत्वपूर्ण बिंदु है — मुख्य अवधारणा (कोर कॉन्सेप्ट) की पहचान। वह क्या एक बात है जो आपकी कंपनी को किसी भी परिस्थिति में अपने ग्राहकों को एक वादा, एक मूल्य प्रदान करने में सक्षम बनाती है? आपको यह पहचानना पड़ेगा।

यह सब सम्भव होता है — लीडरशिप लेवल ५ के माध्यम से। यानी नेतृत्व का उच्चतम स्तर। ऐसी कंपनियाँ उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकती हैं, जहाँ नेतृत्व विनम्र और फौलादी इरादों वाला होता है। आपने कहावत सुनी होगी — “जैसा राजा, वैसी प्रजा”

ऐसी अनेक कंपनियाँ हैं, जिनमें जैसे ही सहज, ज़मीन से जुड़ा नेतृत्व हटता है और कोई अहंकारी, अहंभाव से भरा हुआ लीडर आ जाता है — कंपनी का ग्राफ नीचे जाने लगता है। क्यों? क्योंकि एक लीडर पूरी टीम को प्रभावित करता है। जैसा उसका व्यवहार होता है, वैसा ही व्यवहार पूरी टीम में परिलक्षित होता है।

सही लोगों की पहचान करना, उन्हें प्रशिक्षण देना, सही स्थान पर नियुक्त करना और उन्हें अपने जैसा बनाना — यही एक सच्चे लीडर का काम होता है। इसी प्रतिकृति (रिप्लिकेशन) से कंपनी महान बनती है।

सफल लीडर वह है जो अपनी व्यक्तिगत सफलता से पहले अपनी कंपनी की सफलता के मापदंडों पर कार्य करता है। जब कंपनी सफल होती है, तो लीडर स्वयं ही सफल हो जाता है।

ऐसे लीडर एक विरासत (लीगेसी) छोड़ते हैं। वे एक ऐसा साम्राज्य खड़ा करते हैं, जिससे उस कंपनी के कर्मचारी और ग्राहक दोनों पीढ़ी दर पीढ़ी लाभ उठाते हैं। कंपनियाँ महान बनती हैं — उनमें काम करने वाले महान लोगों से।

ये लोग सच्चाई का सामना करते हैं और दृढ़ता से टिके रहते हैं। कंपनी यह विचार करती है कि कौन-से ऐसे पैरामीटर्स (मापदंड) हैं जो उसके लिए लाभकारी हैं — जैसे सेल्स ग्राफ, कन्वर्ज़न रेट, नए ग्राहकों की प्राप्ति आदि। इन सबका विश्लेषण किया जाता है, परिस्थितियों से निकलने के उपायों पर सामूहिक रूप से सोचा जाता है।

यहाँ “टू डू लिस्ट” की बजाय “व्हाट इज़ इम्पॉर्टेंट” पर ध्यान दिया जाता है। कंपनी स्वयं से यह सवाल बार-बार करती है — “क्या यही है जो हमें महान बना रहा है?”

आपकी कंपनी का इकोनॉमिक इंजन क्या है? — यानी कैश फ्लो कहाँ से आएगा? क्योंकि कैश फ्लो किसी भी कंपनी के लिए ऑक्सीजन है।

तो दोस्तों, ये थीं कुछ बातें जो किसी कंपनी को “गुड” से “ग्रेट” बनाती हैं। ये सभी बातें जो मैं आपसे साझा कर रहा हूँ — हम भी अपने व्यवसाय में अपनाते हैं और यह वास्तव में हमारे व्यापार के विस्तार में सहायक होती हैं।

मुझे अच्छा लगता है कि मैं आप सभी से यह साझा कर सकूँ। मेरा उद्देश्य आप सभी बिज़नेस माइंडेड लोगों से जुड़कर एक इकोसिस्टम बनाना है, जिसमें हम सब एक-दूसरे की मदद करके स्वयं को और अपने व्यवसाय को आगे बढ़ा सकें।

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