Corona (कोरोना) Hindi poem by Mahadev Premi

पूरा विशव इस कोरोना रुपी महामारी से पीड़ित है ऐसे में मुझ से भी रहा नहीं गया.एक छोटी सी रचना इस कोरोना रुपी राक्षस को समर्पित है

The whole world is suffering from this corona pandemic, in such a situation, why should I be behind. A small composition is attributed to this corona monster.

“कोरोना”
जब जब धरातल पर
निंदा ,दुष्कर्म,छल-कपट
और भृष्टाचार रहेगा
भुखमरी,गरीबी,हिंसा
और अत्याचार बढ़ेगा
आतंक वाद नहीं हटेगा
तव तव ये चमगादड़ जैसे
जन्तुअवतरित होंगें
सम्बन्धित बीमारी कफ
पित्त व सीने में
प्रहार जैसे होंगें
ये रोग सिर्फ मानव
मात्र को ही होगा
मानसिक आघात भी
होगा
आतंक वाद की
तूती बजेगी
दुनियां अपने ईमान
पर नहीं रहेगी
जिसकी दवा या उपाय
सिर्फ एक ही रहेगा
राम नाम जपेगा
और घर में घुस
कर ही रहेगा

रचियता -महादेव प्रेमी

Mahadev Prashad Premi

साहित्यिक नाम-महादेव प्रेमी जन्म स्थान-ग्राम परीता स्थाई पता- संजय कालोनी गर्ग होस्पीटल गंगापुर सिटी ,स0…

साहित्यिक नाम-महादेव प्रेमी जन्म स्थान-ग्राम परीता स्थाई पता- संजय कालोनी गर्ग होस्पीटल गंगापुर सिटी ,स0 मा0 (राज0)322201 मोबाईल 9667627720 संप्रति:चिकित्सा कर्मी कार्य क्षेत्र:चिकित्सा कार्य लेखन विधा-गजल,गीत,कविता और पहेली लेखन आदि प्रकाशन:(1)”बूझोबल” पहेली संग्रह प्राप्त सम्मान:कई सामाजिक व साहित्यिक सम्मान प्राप्त लेखनी उद्देश:सामाजिक विसंगतियों पर लिखना प्रेरणा पुञ्ज:स्वयम एवम अन्य लेखक रुचियां: साहित्य लेखन/अध्यापन

Comments ( 1)

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हिन्दुस्तान हिंदी कविता महादेव प्रेमी द्वारा रचित - Baat Apne Desh Ki

6 years ago

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