“आरक्षण” हिंदी कविता महादेव प्रेमी रचित

“आरक्षण”
कुण्डली 6चरण

आरक्षण अपराध है,जन समाज के बीच,
अना व्रष्टि हो रही कहीं,कहीं पर हो रहा कीच,

कहीं पर हो रहा कीच ,कोई पानी को तरसे,
कहीं नहिं पड रही बूंद,कहीं नित ही नित वरसे,

“प्रेमी”एक दिन इस ,समाज का होगा भक्षण,
बन अभिशाप गिरेगा,एक दिन यह आरक्षण,

रचियता -महादेव “प्रेमी”

UNIQUE HANDCRAFTED PRODUCTS Browse stone,metal,clay,wood craft products with an unbeatable priceUNIQUE HANDCRAFTED PRODUCTS
Browse stone, metal, clay,woodcraft products with an unbeatable price

Mahadev Prashad Premi

साहित्यिक नाम-महादेव प्रेमी जन्म स्थान-ग्राम परीता स्थाई पता- संजय कालोनी गर्ग होस्पीटल गंगापुर सिटी ,स0…

साहित्यिक नाम-महादेव प्रेमी जन्म स्थान-ग्राम परीता स्थाई पता- संजय कालोनी गर्ग होस्पीटल गंगापुर सिटी ,स0 मा0 (राज0)322201 मोबाईल 9667627720 संप्रति:चिकित्सा कर्मी कार्य क्षेत्र:चिकित्सा कार्य लेखन विधा-गजल,गीत,कविता और पहेली लेखन आदि प्रकाशन:(1)”बूझोबल” पहेली संग्रह प्राप्त सम्मान:कई सामाजिक व साहित्यिक सम्मान प्राप्त लेखनी उद्देश:सामाजिक विसंगतियों पर लिखना प्रेरणा पुञ्ज:स्वयम एवम अन्य लेखक रुचियां: साहित्य लेखन/अध्यापन

Comments ( 0)

Join the conversation and share your thoughts

No comments yet

Be the first to share your thoughts!