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देवलोक का अमृतकाल बनाम मृत्युलोक का पतनकाल

A split-scene satirical cartoon showing Indra’s divine court on one side and chaotic modern Earth on the other, with Narad Muni holding a microphone between the two worlds, symbolizing the fall of humanity amid heavenly irony.

देवलोक का अमृतकाल बनाम मृत्युलोक का पतनकाल

देवराज इंद्र की सभा चल रही थी—अप्सराएँ नाच रही थीं, सोमरस छलक रहा था, और इंद्र अपनी चमकदार कुर्सी पर फूले नहीं समा रहे थे। तभी दरवाज़ा धड़ाम से खुला, और नारद मुनि माइक पकड़े प्रकट हुए—“नारायण-नारायण!”

इंद्र ने भौंहें चढ़ाईं—“अरे देवरषि, इस अमृतकाल में क्या खलल डालने आ गए? कहीं मृत्युलोक में मंत्रीपद का ऑफ़र तो नहीं मिल गया?”
नारद मुस्कराए, “देवराज, श्रेष्ठता की बात चल रही थी—देव, दानव या मानव में कौन बड़ा?”
इंद्र गर्व से बोले, “हम देव हैं, जाहिर है श्रेष्ठ तो हम ही हैं।”
नारद हँस पड़े, “अबकी बार गलत बोले देवराज! श्रेष्ठ तो मानव है—क्योंकि उसने देवों से भी बड़ी कला सीख ली है—‘रूप बदलने’ की!”

इंद्र चौंके, “वो कैसे?”
“कभी देव बनता है, कभी दानव—और कभी दोनों का कॉम्बो। हमने उसे आकाशवाणी से डराया था, पर अब उसके पास सैटेलाइट हैं। हमने धर्म प्रवचन दिए, उसने टीवी चैनल खोल लिए। अब तो भाई-भाई को लड़ाने के लिए बस एक ट्वीट ही काफी है।”

सभा में खामोशी छा गई। नारद ने गंभीरता से आगे कहा, “मानव जब तक मानवता में था, तब तक देवताओं जैसा था। लेकिन उसे देवों से ऊपर उठना था—तो उसने ‘मानवता’ ही छोड़ दी। अब वह बिना सींग-पूँछ के पशु है—बलात्कार करता है, भाई का गला काटता है, और उसे धर्म का कर्म मानता है। भूकंप, बाढ़, दुर्घटना—कहीं भी पहले मोबाइल निकालता है, ताकि ‘मानवता शर्मसार’ की न्यूज़ में लाइक्स मिले।”

इंद्र की मुस्कान अब फीकी थी।
“देवराज, यह मृत्युलोक का ‘अमृतकाल’ है—जहाँ लाशों की चिता को ‘कैम्प फायर’ समझा जाता है, और लोग हाथ सेंककर फोटो डालते हैं। वहां का मानव अब देवों से नहीं डरता—क्योंकि जब मानवता ही मर गई, तो मौत का डर कैसा?”

इंद्र का सिंहासन डोल उठा। उन्होंने घबराकर आदेश दिया—
“अप्सराएँ नाचना बंद करो! ब्रह्मा के पास चलो—कहीं से भी मानव में ‘मानवता सॉफ़्टवेयर’ दोबारा इंस्टॉल करवाओ, वरना अगला अमृतकाल उसी का होगा!”

देवसभा में सन्नाटा छा गया, और नारद माइक छोड़कर मुस्कराते हुए बोले—
“नारायण-नारायण… अपडेट देर से किया तो सिस्टम हैंग हो जाएगा!”

— डॉ. मुकेश ‘असीमित’

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