रोशनी ख़ुशबू की -गजल
किशन तिवारी 'भोपाल' की यह ग़ज़ल जीवन की पीड़ा, संघर्ष और रिश्तों की विडंबना का गहन बयान है। इसमें मोहब्बत और विश्वास के टूटे बंधन, सच पर अडिग रहना, महफ़िल में अकेलापन और सत्ता की चुप्पी जैसे बिंब पाठक को आत्ममंथन की ओर ले जाते हैं।