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Author: Poonam Chaturvedi

पूनम चतुर्वेदी शुक्ला विश्व प्रसिद्ध भाषाकर्मी, साहित्यकर्मी और संस्कृतिकर्मी हैं, जो ‘न्यू मीडिया सृजन संसार ग्लोबल फाउंडेशन’ और ‘अदम्य ग्लोबल फाउंडेशन’ की संस्थापक-निदेशक हैं। उन्होंने विश्व के अनेक प्रतिष्ठित संस्थानों और संगठनों के सहयोग से सैकड़ों सांस्कृतिक और साहित्यिक कार्यक्रमों का आयोजन किया है। वर्तमान में वे ‘अंतरराष्ट्रीय हिंदी पत्रकारिता वर्ष 2025-26’ का वैश्विक स्तर पर संयोजन कर रही हैं।
"एक बर्फ से ढकी कारगिल चोटी पर तिरंगा फहराता है, उसकी छाया में एक वीर सैनिक की आकृति खड़ी है। दूर खड़ी नई पीढ़ी श्रद्धा और प्रेरणा के साथ ऊपर देख रही है, जैसे अपने भीतर के सैनिक को पहचान रही हो।"

“कारगिल विजय दिवस 2025 – नई पीढ़ी के लिए शौर्यगाथा का संदेश”

“अगर आप चाहें, तो इतिहास रच सकते हैं; लेकिन अगर आप चाहें कि पीढ़ियाँ उसे याद रखें, तो उसे अपने लहू से लिखना होगा।” कारगिल…

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भारतीय संसद भवन की पृष्ठभूमि में खाली कुर्सी, जिस पर "उपराष्ट्रपति" लिखा हो — संवैधानिक रिक्तता और लोकतांत्रिक अस्थिरता का प्रतीक।

“उपराष्ट्रपति का इस्तीफ़ा – लोकतंत्र की चुप्पी में एक तेज़ दस्तक” 

उपराष्ट्रपति का इस्तीफा सिर्फ एक पद त्याग नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक संस्थाओं के संतुलन में आए गहरे असंतोष का संकेत है। यह घटना नीतिगत असहमति, राजनीतिक…

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एक ग्रामीण महिला स्वयं सहायता समूह की बैठक में भाग लेती हुई, जहाँ सहकारी आंदोलन की जानकारी दी जा रही है। पृष्ठभूमि में "IYC 2025" का बैनर लगा है।

भारत में सहकारिता का सशक्तिकरण और 2025 अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष

संयुक्त राष्ट्र द्वारा 2025 को ‘अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष’ घोषित किया जाना भारत के सहकारी आंदोलन के लिए एक ऐतिहासिक अवसर है। “सहकार से समृद्धि” की…

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एक आधे-हरे, आधे-कंक्रीट जंगल वाले धरातल पर खड़ा एक व्यक्ति दोनों हाथों में संतुलन साधते हुए एक ओर पौधा और दूसरी ओर फैक्ट्री मॉडल लिए है, जो हरित विकास की दोधारी राह को दर्शाता है।

हरियाली और विकास : क्या दोनों एक साथ संभव हैं?-समसामयिक लेख

भारत में हरियाली और विकास की बहस पुरानी है। अक्सर आर्थिक तरक्की के नाम पर पर्यावरण की अनदेखी होती रही है। पर यह टकराव अनिवार्य…

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