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प्रकाश है सनातन-कविता रचना

“रेखाचित्र शैली में एक व्यक्ति अंधकार से उजाले की ओर दीपों से सजे मार्ग पर चलता हुआ, पीछे बुझते दीये और आगे उगता सूर्य — आसपास तैरते शब्द ‘ज्ञान’, ‘मानवता’, ‘सद्भावना’, ‘देशभक्ति’ — प्रकाश और चेतना के मिलन का प्रतीकात्मक चित्र।”
     -  प्रहलाद श्रीमाली

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