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Category: हिंदी कहानी

सर्किट हाउस के पोर्च पर लक्ज़री कार से उतरते काले चश्मे और सफेद कुर्ते-पायजाम में बड़े नेता; पीछे सफेद टोपी और खादी पहने कार्यकर्ता माला-पहनाने, सेल्फी और टॉवेल से मुंह पोंछने की होड़ में; मैदान में पट्टे-बैनरों और नारेबाज़ी के बीच बूढ़े गांधीवादी नेता की टोपी गिरकर कालीन पर पड़ी है — सत्ता, दिखावा और रस्मों की विडम्बना का कार्टूनैरिक दृश्य।

चुनावी टिकट की बिक्री-हास्य व्यंग्य रचना

“सर्किट हाउस की दीवारों में लोकतंत्र की गूँज नहीं — सिर्फ फ़ोटोग्राफ़ और आरक्षण की गंध है।” “माला पहनी, सेल्फी ली — और गांधी टोपी…

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एक वृद्ध ग्रामीण व्यक्ति डॉक्टर के पैरों को छूते हुए, डॉक्टर मास्क लगाए, हाथ जोड़े सकपकाए खड़े हैं, पीछे क्लीनिक का शांत वातावरण।

श्रद्धा, सायकोसिस और स्टेथोस्कोप

मैंने अपने क्लीनिक में प्रवेश किया। कई मरीज़ विश्राम कक्ष में बैठे हुए थे। कुछ के चेहरे पर संतोष था—शायद मेरे इलाज से उन्हें लाभ…

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