Login    |    Register
Menu Close

Category: हिंदी लेख

एक कार्टून दृश्य जिसमें फेसबुक यूज़र “Add Friend” बटन दबा रहा है लेकिन उसके सामने 5000 दोस्तों की सीमा वाली दीवार खड़ी है। दीवार के पीछे लोग “Pending Friend Requests” के तख्ते उठाए हैं और ज़ुकेनबर्ग सरकारी अधिकारी की तरह पोस्टर चिपका रहा है — “Friendship Family Planning Programme.”

दोस्ती की सीमा और फेसबुक का परिवार नियोजन कार्यक्रम

फेसबुक अब भावनाओं पर भी पाबंदी लगाने वाला पहला सोशल प्लेटफॉर्म बन गया है। पाँच हज़ार दोस्त पूरे होते ही दिल कहता है “Accept,” और…

Spread the love
“Rigveda’s Nasadiya Sukta — mystical depiction of universe emerging from cosmic darkness with a meditating sage symbolizing creation and consciousness.”

नासदीय सूक्त की दार्शनिक व्याख्या

ऋग्वेद का नासदीय सूक्त ब्रह्मांड की उत्पत्ति पर विश्व के सबसे प्राचीन दार्शनिक चिंतन में से एक है। यह कहता है कि जब न अस्तित्व…

Spread the love
स्वामी विवेकानंद ध्यानमग्न मुद्रा में खड़े हैं — एक हाथ में पुस्तक, दूसरे में उठी हुई उँगली जैसे वेदान्त का उपदेश दे रहे हों। पृष्ठभूमि में उगता सूर्य भारतीय समाज, शिक्षा, और आधुनिक जीवन में “प्रायोगिक वेदान्त” के पुनर्जागरण का प्रतीक बनकर चमक रहा है। दृश्य में युवा, शिक्षक, और किसान जैसे पात्र भी हैं जो कर्म, सेवा, और आत्मविश्वास से प्रेरित दिखाई दे रहे हैं।

विवेकानंद और आधुनिक प्रायोगिक वेदान्त की प्रासंगिकता

स्वामी विवेकानंद ने वेदान्त को ग्रंथों से निकालकर जीवन के प्रत्येक कर्म में उतारा — उन्होंने कहा, “यदि वेदान्त सत्य है, तो उसे प्रयोग में…

Spread the love
“लाइन कैरिकेचर जिसमें एक मोटा-सा रिटायर्ड सज्जन रंगीन ट्रैक सूट पहनकर जिम में भारी डम्बल उठाने की कोशिश कर रहे हैं, पास में उनकी पत्नी बाँहें बाँधे देख रही हैं, जिम में बाकी नौजवान हँसते हुए एक्सरसाइज़ कर रहे हैं — सेवानिवृत्ति के बाद ‘यौवन पुनर्जागरण’ पर व्यंग्यात्मक दृश्य।”

गालों की लाली- हो गई गाली

“कभी सूर्योदय से पहले नहीं उठने वाले अब मुंह-अंधेरे ‘हेलो हाय’ करते जॉगिंग पर हैं। ट्रैक सूट, डियोडरेंट और महिला ट्रेनर ने जैसे रिटायरमेंट में…

Spread the love
“कार्टून चित्र जिसमें एक युवा इमोजी और संक्षिप्त चैट शब्दों (‘LOL’, ‘BRB’, ‘TTYL’) से घिरा मोबाइल चला रहा है, और पास ही एक बुज़ुर्ग व्यक्ति हैरान होकर उस चैट को देख रहा है — दो पीढ़ियों के बीच भाषा की खाई का व्यंग्यात्मक चित्रण।”

जीनीयस जनरेशन की ‘लोल’ भाषा

“जेन ज़ी की ‘लोल भाषा’ ने व्याकरण के सिंहासन को हिला दिया है। अब भाषा नहीं, भावना प्राथमिक है। अक्षरों का वजन घट रहा है,…

Spread the love
एक कार्टून चित्र जिसमें एक उल्लू सोने की परात थामे अमीरों के महलों की LED रोशनी में उड़ता हुआ दिख रहा है, नीचे एक आम आदमी खाली वॉलेट लिए दीये के पास बैठा है। दृश्य में दिवाली की रोशनी, पर व्यंग्य का अंधकार झलक रहा है।

जा तू धन को तरसे — एक व्यंग्यात्मक धनतेरस कथा

धनतेरस के शुभ अवसर पर जब जेबें खाली हैं और बाज़ार भरा पड़ा है, तब लेखक हंसी और व्यंग्य से पूछता है — “धनतेरस किसके…

Spread the love
सूर्य की प्रथम किरणों में शाखा मैदान में खड़े स्वयंसेवक, जिनके पीछे खुली पुस्तकों, पन्नों और डिजिटल प्रतीकों (ई-पुस्तकें, स्क्रीन, पर्चे) का समावेश दिखता है—जो संघ-साहित्य की परंपरा से लेकर आधुनिक संवाद तक की निरंतरता को दर्शा रहा है।

संघ-साहित्य की विरासत, विचार की निरंतरता और आधुनिक भारत में उसकी वैचारिक प्रासंगिकता

संघ-साहित्य केवल शब्दों का संग्रह नहीं, बल्कि आत्मसंयम और सेवा की जीवंत साधना है। यह परंपरा के मौन और आधुनिकता के संवाद के बीच बहने…

Spread the love