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Category: हिंदी लेख

purpose of life-living a meaningful life

Discover the Purpose of Life-How to Live a meaningful life

A person feels happier, more content and successful when he lives his life with a purpose. Purpose makes life more meaningful, keeping us motivated to…

कोशिका का आंतरिक समाज शास्त्र-Cellular internal social science

Dr S G Kabra has beautifully described the whole social science framework present in our each cell. हर नन्ही-सी, आँखों से न दिख ने वाली,…

Happy Republic day

क्लब 91 द्वारा गणतन्त्र दिवस पर समर्पित देश भक्ति विडियो गीत

क्लब ९१ हमेशा से कुछ अलग हट कर करने का प्रयास करता रहता है.क्लब ९१ ने इस बार गणतंत्र दिवस के उप्लाख्य पर एक अनूठी……

जड़बुद्धि जीनियस - विक्लांग विद्वान

जड़बुद्धि जीनियस – विक्लांग विद्वान

मनसिक कमी के रहते हुए किसी विशेष क्षेत्र में कौशल या प्रतिभा कैसे संभव होती है इसके लिए अवधारणा है कि उनकी मानसिक प्रतिक्रिया विशिष्ट…

online shopping complex city mall

अपना खुद का ऑनलाइन स्टोर खोलें बो भी निशुल्क -फोटोकार्ट पर

क्या आपको तलाश है एक ऐसे app की जो आपकी शॉप को मिनटों में ऑनलाइन कर दे जिस से आप भी  आज की आधुनिकतम इ……

प्राण प्रणेता पौरुष पुंज आपके शुक्राणु डॉ. श्रीगोपाल काबरा

प्राण प्रणेता पौरुष पुंज आपके शुक्राणु डॉ. श्रीगोपाल काबरा

प्राणियों के प्राण प्रणेता – प्राणनाथ – शुक्राणु ही होते हैं। पढ़िए रोचक तथ्यात्मक जानकारी शुक्रानुओ के बारे में लेख डा एस जी काबरा द्वारा…

गर्भाशय से कोख – सृजन के सोपान डॉ. श्री गोपाल काबरा

क्या आप जानते है-– कि माँ की कोख और गर्भाशय में क्या फर्क होता है। कोख और नाभिनाल से जुड़े गर्भ के बीच सम्बन्ध  मात्र…

PMT and MBBS days

PMT and MBBS days-Memory Flashback Dr Buddhi Prakash

डा बुद्धिप्रकाश द्वारा लिखित यह रोचक स्मरण मेडिकल कॉलेज के प्रथम वर्ष के कुछ प्रारंभीक दिनों की खट्टी मीठी यादो को तरोताजा कर देता है…

aankhe niyamat hai-aankhe boltee hai

आँखें नियामत – आँखे बोलती हैं। दो नयना मत खाइयो, पीव मिलन की आस -डॉ. श्रीगोपाल काबरा

क्या आप जानते हैं – – कि आपकी दो आँखें आपके मस्तिष्क के संचार संस्थान के दो दूरदरर्शन स्टूडियों है जिनमें (हर आँख में) 1……

प्रेम पाती, प्रणय निवेदन, स्वयंवर और संग्राम गंध संवाद का विलक्षण संसार -लेख डा एस जी काबरा

कोई जीव या प्राणी अपने से बाहरी जगत से संपर्क और संवाद किये बिना जीवित नहीं रह सकता। प्रकृति से संपर्क-संवाद अपना अस्तिव बनाये रखने…