डॉ मुकेश 'असीमित'
May 8, 2024
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प्रस्तुर है एक व्यंगात्मक रचना , शायद मेरी तरह आप में से कई भी इस लाईलाज बीमारे से ग्रसित हों, में मेरी दिनचर्या में, जो अपनी मधुमेह की बीमारी के चलते पारिवारिक और सामाजिक नज़रों के बीच एक विचित्र स्थिति में फंसा हुआ हूँ । प्रातःकाल की सैर से लौटते हुए मुझे अपनी पत्नी द्वारा मेथी के फांक थमाई जाती , एक गहन चिंता की लकीरें मेरे मुख मंडल पर । इस रचना में मैंने छुआ है उन अनगिनत घरेलू नुस्खों का मर्म, जो अक्सर देसी दवाइयों के चक्कर में विज्ञान से अधिक कल्पनाशील होते हैं।
इसी भावभूमि पर खड़े होकर, हम आपको आमंत्रित करते हैं कि जुड़ें हमारे साथ 'बात अपने देश की' ब्लॉग पर, जहाँ हम ऐसी ही अन्य रचनाओं के माध्यम से देश-दुनिया की विडंबनाओं पर चर्चा करते हैं। यहाँ हर व्यंग्य न सिर्फ आपको गुदगुदाएगा, बल्कि आपको थोड़ा सोचने पर भी मजबूर करेगा। तो आइए, करें कुछ बातें अपने देश की, अपने तरीके से।
डॉ मुकेश 'असीमित'
Apr 30, 2024
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यह व्यंग्य रचना शहरी कचरा समस्या और समाज के उदासीन दृष्टिकोण की गहराई में उतरती है। शहरों में बढ़ती कचरा समस्या न केवल पर्यावरणीय चिंताओं को जन्म दे रही है बल्कि यह शहरी जीवन की दिनचर्या का एक अनचाहा हिस्सा भी बन चुकी है। इस रचना में हम एक आम सुबह की शुरुआत देखते हैं, जहां लेखक का सामना सड़क के कोने पर एक कचरे के ढेर से होता है, जो अपनी दुर्गंध से उनका 'स्वागत' करता है। सामाजिक उदासीनता का चित्रण इस बात से होता है कि स्थानीय निवासी, जिन्हें कचरा प्रबंधन की सुविधाएं प्रदान की जाती हैं, फिर भी अनदेखी करते हुए नालियों और सड़कों पर कचरा फेंकने में लगे रहते हैं। विडंबना यह है कि 'कचरा नहीं डालें' के साइन बोर्ड के ठीक नीचे ही सबसे ज्यादा कचरा जमा होता है। लेखक ने इस रचना में शहरी समाज के कचरा प्रबंधन के प्रति लापरवाही और स्वच्छता अभियान की विफलता को बड़ी ही व्यंग्यात्मकता से पेश किया है, जो हमें यह आभास दिलाती है कि कैसे समाज का हर वर्ग इस समस्या का समाधान करने के बजाय उसे और अधिक जटिल बना रहा है।
डॉ मुकेश 'असीमित'
Apr 29, 2024
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चुगली घुट्टी –आओ चुगली करें – व्यंग रचना आज हम बात करेंगे एक बहुत ही दिलचस्प शब्द जिसे सुनकर आपका दिल गुदगुदा जाएगा – “चुगली”। ये एक ऐसा शब्द है जो चिरकालीन भारतीय परम्परा में ग्राहणियों के लिए सबसे बड़ा स्ट्रेस बस्टर और पूजनीया चमचों के लिए सबसे बड़ा संसाधन है। यूं तो हमारे जीवन […]
डॉ मुकेश 'असीमित'
Mar 18, 2024
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परिचय: इसके बाद के पन्नों में, आपको नरेंद्र मोदी के जीवन की विलक्षण यात्रा के माध्यम से एक अन्वेषण पर ले जाने का आमंत्रण देता हूँ, जो मात्र समाचारों की सुर्खियों का संकलन नहीं, बल्कि उन घटनाओं के गहरे अध्ययन के रूप में है, जिन्होंने उनके व्यक्तित्व और आदर्शों को आकार दिया। “नरेन्द्र मोदी का […]
डॉ मुकेश 'असीमित'
Mar 9, 2024
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SMS मेडिकल कॉलेज के प्रथम वर्ष की स्मृतियाँ ,हम ग्रामीण परिवेश से आए हिंदी भाषियों के लिए कुछ ज्यादा खट्टे-मीठे अनुभव लिए होती हैं। एक ऐसे एनाटमी के पूजनीय सर, जिनका नाम मैं निजता के हनन के कारण उल्लेख तो नहीं करूंगा, लेकिन उनका खौफ और आतंक जिस प्रकार से हम हिंदी भाषियों के मन […]
डॉ मुकेश 'असीमित'
Mar 8, 2024
हिंदी लेख
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मेरे अस्पताल में एक न्यूरोलॉजिस्ट के मासिक परामर्श के लिए अनुबंध करने हेतु दूरभाष पर बातचीत हो रही थी था। फोन पर बातचीत के दौरान, उन्होंने बताया कि हमारा शहर कितना सुंदर है, सब कुछ कितना सही है, फिर कुछ झिझकते हुए बोला -लेकिन वहां की सड़कें इतनी खराब क्यों हैं। सड़कों पर चलने वाले […]
डॉ मुकेश 'असीमित'
Mar 8, 2024
Poems
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सभी शिवभक्तों को महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर असीम शुभकामनाएँ। इस शुभ घड़ी में, मैं आपके समक्ष एक सहज रूप से रचित काव्य प्रस्तुति, जो महादेव के चरणों में समर्पित है, लेकर आया हूँ। आशा है, यह रचना आपके हृदय को स्पर्श करेगी। कृपया ‘बात अपने देश की’ को सब्सक्राइब करने का कष्ट करें, और […]
डॉ मुकेश 'असीमित'
Mar 7, 2024
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आज के उल्लासपूर्ण युग में, जहां हर चीज की एक विशेष उद्योग विकसित हो चुकी है, वहां नामकरण संस्कार भी इस दौड़ में पीछे नहीं है। ऐसे आयोजन जो कभी साधारण समारोह हुआ करते थे, आज उन्हें अनूठा और अद्वितीय बनाने के लिए विशेष साइटें और शब्दकोश हैं। बच्चों के नाम को यूनिक बनाने के […]
डॉ मुकेश 'असीमित'
Mar 7, 2024
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होली का त्योहार, रंगों और गुलाल की बौछार, एक तरफ गरीब की बस्ती, दूसरी ओर अमीरों का द्वार। दोनों की ही दुनिया में रंगों की बहार , लेकिन दोनों के अर्थ, बेहद अलग, जैसे दो अलग संसार । गरीब की होली में रंग है सपनों की उड़ान, खुशियों की तलाश में,संजोये एक एक मीठी मुस्कान। […]
डॉ मुकेश 'असीमित'
Mar 7, 2024
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मेरे एक परिचित हैं, जो रेलवे के मेडिकल विभाग में कार्यरत हैं। हाल ही में उनसे वार्तालाप के दौरान मुझे ज्ञात हुआ कि उन्होंने अपनी कन्या का प्रवेश पोस्ट-ग्रेजुएशन में त्वचा विज्ञान (डर्मेटोलॉजी) में करवाया है। एक समय था जब पोस्ट-ग्रेजुएशन में बाल चिकित्सा और ऑर्थोपेडिक्स का प्रभुत्व था, रेडियोडायग्नोसिस तो वैसे भी सदैव शीर्ष […]