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Category: Hindi poems

ट्रैफिक जाम, गड्ढों भरी सड़क, निराश चेहरे, स्कूल फीस से परेशान अभिभावक और "वाह भाई वाह" का बोर्ड लिए खड़ा आम नागरिक।

वाह भाई वाह -कविता -हास्य व्यंग्य

सामाजिक विडंबनाओं पर करारा व्यंग्य करती ये कविता ‘वाह भाई वाह’ हमें उन विसंगतियों का एहसास कराती है जहाँ ज़िंदगी त्रासदी बन चुकी है, फिर…

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एक प्राकृतिक पत्थर जो मंदिर, नदी, रास्ते और पहाड़ से जुड़ी विविधता को दर्शाता है; आधा तराशा गया, आधा बिखरा हुआ।

एक पत्थर की कहानी -कविता रचना

विद्या पोखरियाल की यह कविता “पत्थर हूं मैं” जीवन की विसंगतियों को एक प्रतीक के रूप में प्रस्तुत करती है। यह पत्थर कभी पूजित है,…

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एक मध्यम आयु का व्यक्ति एक लकड़ी की मेज़ पर उदास मुद्रा में बैठा है, उसके चेहरे पर गहरी चिंता की झलक है। उसने लाल शर्ट और काले कोट के ऊपर एक छोटा सा लाल हथौड़ा-हंसिया का चिह्न लगाया हुआ है, और मेज़ पर एक गिलास में हल्का भूरा शराब (सिंगल मॉल्ट) रखा है। पृष्ठभूमि में गर्म और गहरे रंगों की अमूर्त बनावट है।

“बेसहारा सर्वहारा चिन्तक” कविता रचना-डॉ मुकेश असीमित

एक मुखौटा जो क्रांति का नाम लेता है, और एक जाम जो सिंगल मॉल्ट से छलकता है। डॉ. मुकेश ‘असीमित’ की यह तीखी व्यंग्यात्मक कविता…

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एक घना हरा-भरा जंगल जिसमें सामने एक हिरण खड़ा है, ऊपर एक पक्षी उड़ रहा है और एक कौआ झाड़ी पर बैठा है; पृष्ठभूमि में धुंध से ढकी पहाड़ियाँ और ऊँचे-ऊँचे पेड़ दिख रहे हैं।

जंगल की पुकार: हरियाली, जीवन और संरक्षण की कविता

जंगल केवल पेड़ों और जानवरों का घर नहीं, बल्कि हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा हैं। यह हरियाली, शांति, और जैव विविधता का प्रतीक हैं, जो…

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Ganesh-vandna

गणेश वंदना-छंद रचना-डॉ मुकेश असीमित

गणेश वंदना करहूँ  स्तुति तोरे, श्री गणपति, दीन दुखी के नाथ।  दारुण  दूर करहुं, मंगलकारी, तुम हो दीनों के  साथ।।  विघ्न विनाशक नाम तुम्हारा, शुभ…

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