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Category: Hindi poems

sapna ban jaaye hindi kavita

सपना बन जाए-हिंदी कविता

कोई खुशियों की चाह में रोया,कोई दु:खों की परवाह में रोया,अजीव सिलसिला है इस जिंदगी का,कोई भरोसे के लिए रोया,कोई भरोसा करके रोया,कभी कोई जिन्दगी……

Karma-poem-Hindi

“कुण्डली” 6चरण “कर्म”_हिंदी कविता महादेव “प्रेमी “

कर्म गठरिया लाद कर,जग फिर है इन्सान,जैसा कर वैसा भरे,विधि का यही विधान,विधि का यही विधान,कर्म से सव कुछ आवै,दुख से बदले सुख,सभीविपदा टल जावै,कर्म……

Newspaper (अखवार ) poem-Hindi poem

“कुण्डली” 6चरण “अखवार”-रचियता -महादेव “प्रेमी”-Newspaper Reading Poem

“कुण्डली”6चरण।“अखवार”अखवार प्रात ही घरपर,ले आता समचार,हिंसा चोरी लूट हो,होवे अत्याचार।होवे अत्याचार,सुसाइड वलत्कार हो।खूव फजीती होय,जो नेता भृष्टखोर हो,राजनीति की चाल,से काम करे सरकार,देश विदेशी खवर,सव……

poem on rain-written by Mahadev premi -Author of Bujhobal

वर्षा कविता(poem on Rain )-रचियता -महादेव गर्ग प्रेमी

वर्षा के दिन आ गये , भरे तलैया ताल खेती की आशा बनी,कृषक हुए खुशहाल न्रत्य करत है मोर पपहिये ने टेर लगाई “प्रेमी” खुश……

नव वर्ष मंगलमय -हिंदी कविता

नववर्ष मंगलमय (नववर्ष विशेष) -व्यग्र पाण्डेय

नव वर्ष मंगलमय -हिंदी कविता नव बर्ष विशेस कवी सम्राट व्यग्र पाण्डेय द्वारा रचित Share this:Click to share on Twitter (Opens in new window)Click to…

पिता पुत्र का अनोखा रिश्ता

पिता पुत्र का अनोखा रिश्ता Unique Son-father relationship

*समस्त पिता एवं पुत्रो को समर्पितएक रचना अज्ञात श्रोत से मिली है. आप सभी को पसंद आएगी. ऐसे ही विचार लेख कविता आदि के लिए…

Diwali festival poem by Mahadev Premi

दिवाली त्यौहार कविता -Diwali Poem

दिवाली का त्यौहार खुशियों का उमंग का हर्ष का रोशनी का त्यौहार है. महादेव प्रेमी द्वारा रचित कुंडली विधा पर आधारित ये कविता आपको इस…

रसगुल्ला हिंदी कविता

“रस गुल्ला” हिंदी कविता

रसगुल्ला हिंदी कविता मिठाइयो का बंगाली सरताज रसगुल्ला के ऊपर लिखी एक हंसाती गुदगुदाती कविता है ,पाठको को जरूर पसंद आएगी Share this:Click to share…

मछर दानी हिंदी कविता

“मच्छर दानी” हिंदी कविता

प्रस्तुत है मछरदानी के महत्व पर हंसाती गुदगुदाती एक कविता महादेव प्रेमी द्वारा रचित Share this:Click to share on Twitter (Opens in new window)Click to…

"दिन जाड़े के आये" हिंदी कविता

“दिन जाड़े के आये” हिंदी कविता

“दिन जाड़े के आये”कुण्डली6चरण दिन जाड़े के आ गये,सुवहा उठा कुहार,अंग रजाई ना हटे,वाहर लगे फुहार, वाहर लगे फुहार,कि इच्छा हुई खाने की,गाजर हलवा गजक……