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Category: Hindi poems

कलयुग बुड्ढा हिंदी कविता

“कलयुग वुड्ढा” हिंदी कविता

कलयुग बुड्ढा हिंदी कविता महादेव प्रेमी रचित कुंडिली.अपने विचार लेख कविता प्रकाशन के लिए बात अपने देश की ब्लॉग साईट को चुने Share this:Click to…

हिंदुस्तान हिंदी कविता

हिन्दुस्तान हिंदी कविता महादेव प्रेमी द्वारा रचित

महादेव प्रेमी लिखित कविता शीर्षक “हिन्दुस्तान”. बात अपने देश की पर अपने लेख विचार काव्य निशुल्क प्रकाशन के लिए सम्पर्क करे Share this:Click to share…

यलगार हिंदी कविता

यलगार हिंदी कविता

“यलगार” हिंदी कविता सुनीता शर्मा द्वारा रचित. अपने विचार काव्य लेखन प्रकाशन के लिए बात अपने देश की पर संपर्क करे Share this:Click to share…

घोटाला हिंदी कविता

“घोटाला” हिंदी कविता महादेव प्रेमी रचित

बात अपने देश की पर अपने विचार लेख कविता आदि प्रकाशित करने के लिए सम्पर्क करे Share this:Click to share on Twitter (Opens in new…

"आरक्षण" हिंदी कविता

“आरक्षण” हिंदी कविता महादेव प्रेमी रचित

अपने विचार लेख कविता आदि प्रकाशन के लिए बात अपने देश की पर संपर्क करे Share this:Click to share on Twitter (Opens in new window)Click…

केसरिया परिधान हिंदी कविता

“केसरिया परिधान ” हिंदी कविता

“केशरिया परिधान”कुण्डली 6चरण केशरिया परिधान लखि,हर विपक्षी वेहाल,राज नीति कैसे चले,लेय वाल से खाल, लेय वाल से खाल,देख इस को पहिचानो,दिखे देश का भक्त,इसे आतंकी……

हरित वाटिका हिंदी कविता

“हरित वाटिका” हिंदी कविता

“हरित वाटिका”कुण्डली 6चरण हरित वाटिका में युगल,कर रहे मेल मिलाप,होट परस्पर मिल रहे,कर रहे वार्तालाप, कर रहे वार्तालाप,मिली इनको आजादी,हिन्दु संस्क्रति भूल,बने पश्चिम के वादी,……

चोरी हिंदी कविता

चोरी हिंदी कविता महादेव प्रेमी रचित

“चोरी”कुण्डली 6चरण चोरी यद्यपि पाप है,चोरी है अपराध,फिर भी चोरी कीजिये,अधिकारी को साध, अधिकारी को साध,चलेगी रिस्वत खोरी,विजलि पानी टैक्स,कीजिये जमकर चोरी, “प्रेमी”कह ये काम,भरे……

नीड छोड़ हिंदी कविता

“नीड छोड़” हिंदी कविता महादेव प्रेमी

मेरी कविता शीर्षक नीड छोड़ उन प्रवासी मजदूरों को समर्पित जो अपने पेट पालने खतिर अपना घरबार छोड़ कर दूर देश में अन्य राज्यों में……

माँ मंदिर का दीप हिंदी कविता

“माँ मंदिर का दीप” हिंदी कविता

“मां मन्दिर का दीप”कुण्डली 8चरण मां मन्दिर का दीप हैं, मां पूजा का थाल,जिसे दुआ मिलती रहे,सदा रहे खुशिहाल, सदा रहे खुशहाल, नहीं कोई दुविधा……