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“चटनी और अचार” हिंदी कविता -by Mahadev Premi

chatni aur achaar hindi poem by Mahadev premi

जैसा की आप सभी जानते है भारतीय पाक कला विज्ञान में पुरातन काल से ही चटनी और अचार का विशेष महत्व है. हमारे नित प्रतिदिन के खानपान में इसका समावेश रहता है. यह न केवल एक प्रकार से खाने का मेनू बढाने के लिए है बल्कि इसका एक वैज्ञानिक कारन है. यहाँ भारत का परम्परिक सूप है जो भूख बढाता है तथा पाचन शक्ति की व्रद्धि करता है. आज की मेरी कविता इसी पाक विशेष “चटनी औ अचार ” को समर्पित है.

चटनी और अचार”

चटनी और अचार को,ले भोजन के संग,
स्वाद और पाचन बने,बने सेहत का ढंग।

बने सेहत का ढंग,उदर को राखे चंगा,
सभी रोग हों दूर,बिमारी लेय न पंगा,

भिन्न व भिन्न अचार,आप रोजाना खायें,
नींबू अदरक आम,लिसौडे लेकर आयें ,

“प्रेमी”धना टमाटर ,चटनी है जायकेदार,
मिर्च आंवला बनी,ये चटनी और अचार।

रचियता -महादेव “प्रेमी”

Patang (kite) पतंग Hindi poem by Mahadev Premi
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