जय छठ मैया! राष्ट्रभक्ति और प्रकृति उपासना का दिव्य पर्व

जय छठ मैया!हर नागरिक को राष्ट्र के विकास की चेतना दें!
हे छठ मैया!सारे भक्तों को प्रकृति से प्यार करने की प्रेरणा दें!!

छठ मैया के प्रति श्रद्धा भक्ति का है यह दिव्य प्रकार!
धरती माता को प्रदूषण से बचाना हो आजीवन व्यवहार!!

हे छठ मैया!भारत के लोकतंत्र की प्रतिष्ठा और शक्ति बढ़ाएं!
देशद्रोहियों को कठोर दंड मिले!देशभक्त जन सेवक ही सत्ता पाएं!!

हे छठ मैया!महान सनातन संस्कृति की परंपरा का प्रकाश बढ़े!
सूरज की तरह सर्व हितार्थ तपने का राजनीति वालों पर पावन रंग चढ़े!!

जय छठ मैया!आपकी महिमा है अपरंपार!
युवा पीढ़ी में स्थापित हो सुदृढ़ देश प्रेम के संस्कार!!

छठ मैया की सेवा-पूजा से मिलता भक्ति भाव भरा कृपा प्रसाद!
जन जीवन में लहराए सुख संतोष!मिटे सारे अभाव और अवसाद!!

भारतीय सेना के शूरवीर सिपाहियों की वीरता पर छठ मैया है खूब राजी!
क्योंकि आतंकी पाकिस्तान के थोबडे पर ऑपरेशन सिंदूर की छाप लग रही एकदम ताजी!!
~प्रहलाद श्रीमाली

Prahalad Shrimali

परिचय प्रहलाद श्रीमाली जन्मः 01.02.1956, चेन्नई शिक्षाः हाई स्कूल प्रकाशन…

परिचय प्रहलाद श्रीमाली जन्मः 01.02.1956, चेन्नई शिक्षाः हाई स्कूल प्रकाशन विषयक: साहित्यिक पत्रिकाओं, समाचार पत्रों में कहानियां, लघुकथाएं, व्यंग्य एवं कविताएं प्रकाशित। राजस्थानी व्यंग्य संग्रह ‘‘आवळ कावळ’’ 1992 में प्रकाशित एवं ‘‘मारवाडी सम्मेलन, मुम्बई’’ द्वारा पुरस्कृत। . कहानी ‘उत्तरहीन’ पर जनदर्शन संस्थान, भिलाई द्वारा शिक्षणार्थ लघु वीडियो फिल्म निर्मित। कहानी ‘‘कमलजी कहानी में कला नहीं घुसाते’’ 2002 को किताबघर प्रकाशन नई दिल्ली द्वारा ‘‘आर्य स्मृति साहित्य सम्मान’’ प्राप्त। उपन्यास ‘‘पापा मुस्कुराइए ना!’’ को 2010 का ‘‘आर्य स्मृति साहित्य सम्मान’’। कहानी संग्रह ‘‘अज्ञातवास में सिद्ध’’ ‘जनसुलभ’ पेपरबैक्स द्वारा अखिल भारतीय स्तर पर आमंत्रित पाण्डुलिपियों में से चयनित व प्रकाशित (2011) नवभारत टाइम्स में मनोहर श्याम जोशी के व्यंग्य टिप्पणी स्तंभ ‘मेरा भारत महान’ में कई बार पुरस्कृत। व्यंग्य संग्रह ‘‘मोती जैसी घुन‘‘ ‘सदीनामा प्रकाशन‘ कोलकाता द्वारा प्रकाशित (2012) कहानी संग्रह ‘‘मुन्ना रो रहा है! ‘‘ ‘अमरसत्य प्रकाशन‘ (किताबघर प्रकाशन का उपक्रम) (2014) राजस्थानी कहानी ' महाभारत रा अजुआळा में ' को वर्ष 2015 का ' डॉ. नृसिंह राजपुरोहित स्मृति पुरस्कार '। लघुकथा ' जिंदगी की रफ्तार ' वर्ष 2019 में ' कथादेश अखिल भारतीय हिन्दी लघुकथा प्रतियोगिता -11' में पुरस्कृत।

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