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तीनों खगोलीय पिंडों की त्रिमूर्ति : पृथ्वी, चंद्रमा और सूर्य की खगोलीय लीलाएं

A satirical black-and-white cartoon caricature showing the Sun as a muscular boss with sunglasses, the Earth as a worried but balanced homemaker, and the Moon as a cheeky child pulling funny faces. They are compared in size with measuring tape, while Rahu sneaks in to cause an eclipse.

तीनों खगोलीय पिंडों की त्रिमूर्ति : पृथ्वी, चंद्रमा और सूर्य की खगोलीय लीलाएं


हमारे जीवन में रोज चमकते-छिपते ये तीन खगोलीय खिलाड़ी—सूर्य, चंद्रमा, और पृथ्वी—मानो ब्रह्मा, विष्णु और महेश की खगोलीय त्रिमूर्ति हों। लेकिन इनके बीच चल रही खामोश लीलाओं में न केवल गंभीर विज्ञान है, बल्कि जबरदस्त मज़ाकिया रसायन भी है।

सूर्य: ब्रह्मांड का हीटर विदाउट स्विच

सूर्य साहब का रुतबा ऐसा है कि सौरमंडल की बैठक में 99.86% वजन अकेले यही लेकर बैठते हैं। बाकी सब ग्रह, उपग्रह और धूल-धक्कड़ मिलकर कुल जमा 0.14%!
अगर पृथ्वी एक सेब के बराबर हो, तो सूर्य कमरे जितना बड़ा खरबूजा (अगर कभी वैज्ञानिक ऐसी ब्रीड बना सकें तो  )बन जाता है। व्यास लगभग 1,392,700 किलोमीटर
इतना गर्म हैं कि अगर कोई कहे “तू बड़ा तेज़ है”, तो यह उनकी थोथी तारीफ नहीं, थर्मोडायनामिक सच्चाई है।

शक्ति इतनी कि रोजाना 38 लाख मेगाटन TNT जितनी ऊर्जा फूंक देते हैं — मतलब, अगर सूरज जी रिटायर हो जाएं, तो सारी रिंगलाइट्स और LED बंद!

🌍 पृथ्वी: सौरमंडल की वर्किंग वाइफ

अब आते हैं हमारी प्यारी पृथ्वी पर, जो न केवल जीवन का नर्सिंग होम है, बल्कि एक बैलेंसिंग मास्टर भी है। व्यास: 12,742 किमी
यह न ज़्यादा बड़ी है, न छोटी – Goldilocks zone वाली बिल्कुल फिट।
और वजन? लगभग 6,000,000,000,000,000,000,000,000 किलोग्राम। (हाँ, गिनते रहो…)

पृथ्वी, सूरज के इर्द-गिर्द एक प्यारी सी पत्नी की तरह चक्कर लगाती है — हर साल, एक फूलों से भरा फेरा। और कभी-कभी अपने ही उपग्रह चंद्रमा से थोड़ा स्पेस ले लेती है।

🌕 चंद्रमा: भावुक, रोमांटिक लेकिन हल्का

अब बात करें हमारे भावुक, शीतल, रातों के शायर चंद्रमा की।
व्यास: 3,474 किमी — पृथ्वी का एक चौथाई
वज़न? केवल 1/81वां हिस्सा — यानी अगर पृथ्वी पहलवान है, तो चंद्रमा उसका नन्हा मुन्ना शिष्य।
गुरुत्वाकर्षण इतना कम कि एक छलांग में सपनों की ऊँचाई माप लो।

और सबसे दिलचस्प बात — जो अपनी धुरी पर घूमता भी है और पृथ्वी का चक्कर भी लगाता है, पर इतना नटखट है कि सिर्फ एक ही चेहरा दिखाता है — बाकी सब ‘मून राज़’।

🌑 ग्रहण: लीला तिव्रता की

जब राहु-केतु जैसी खगोलीय ‘राजनीतिक शक्तियाँ’ बीच में आ जाती हैं, तो सूरज और चाँद पर ग्रहण लगता है।
सूर्यग्रहण: दिन में अंधेरा, लाइट गई क्या?” वाला सीन।
चंद्रग्रहण: चाँद की रंगत फीकी, ब्यूटी फ़िल्टर हट गया?” टाइप सिचुएशन।

🚀 निष्कर्ष:

सूरज बॉस है, पृथ्वी मेनजिंग डायरेक्टर, और चंद्रमा कंटेंट क्रिएटर है।
तीनों मिलकर हमारी ज़िंदगी का ब्रह्मांडीय वेब सीरीज चलाते हैं – कभी दिन का एपिसोड, कभी रात का रोमांस, और कभी ग्रहण का ट्रेलर!

तो अगली बार जब आकाश की ओर देखो — सिर्फ़ तारे मत गिनो, इनकी नौटंकी भी समझो मित्र ! 😄🌞🌍🌝

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