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Deepak-Hindi poem दीपक हिंदी कविता

दीपक deepak hindi kavita

दीपक मिट्टी का बना हो,
या सोने का,
रोशनी कितनी देता है,
सवाल है इस वात का,
कोई धनी हो या गरीव,
मुसीवत में कितना हो करीव,
महत्व है इस वात का,
फूलों से महक,
मेहनत भरी क्यारियों से ही आती है,
क्रतिम फूलों से तो केवल,
प्रदर्शनी ही लगाई जाती है।

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