मै इंसान हूं, ज़िंदगी जीने के लिए,
हर पल नई चुनौतियां और उम्मीदें रखता हूं।
मै खुशियों की तलाश मे रहता हूं,
और दुखों से लड़ने की ताकत रखता हूं।
मेरे अंदर एक दुनिया है,
जिसमे प्यार और दर्द रखता हूं।
ज़िंदगी के हर मौड़ पर सीखकर,
अपने अनुभवों से मजबूत बनता हूं।
तकलीफे आये चाहे कितनी भी,
मै दूसरों की मदद करने की कोशिश करता हूं।
मुझमे है कुछ कमी लेकिन फिर भी,
अपने सपनो को पूरा करने की कोशिश करता हूं।
चाहे आये कितने भी दुख लेकिन फिर भी,
हर पल को जीने की कोशिश करता हूं।
मै इंसान हूं, ज़िंदगी जीने के लिए,
हर पल नई चुनौतियां और उम्मीदें रखता हूं।

✍🏻 दीपक कुमार चौरे
गणेश नगर कॉलोनी, मालवीयागंज इटारसी।