मैने सीख लिया है जीना ,
दबाकर ,सारी वेदना ।
लोगों के उगलते जहरों को
मैने सीख लिया है पीना ।
चेहरे पे मुस्कान सजाए ,
कितनी गहरी पीर छुपाए ,
मैने सीख लिया दर्द सीना ।
हर जख्म को अपना कर ,
हर पल में मुस्कुरा कर,
मैने सीख लिया है हंसना ।
न कोई अब ग़म सताए ,
न कोई अब राह भटकाए,
मैने सीख लिया बढ़ना ।
किसी से नहीं शिकायत है ,
खुद से मिली जो राहत है ,
मैने सीख लिया है जीना

achchee kavita