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मंत्री जी  की चुनावी रैली –व्यंग रचना

चुनावी महासमर: जनता के उत्साह से लबरेज़, हर गली-मोहल्ले में चर्चाओं का बाज़ार गर्म!

चुनावी माहौल अपनी अभिव्यक्ति के चरम पायदान पर पहुँच चुका है , जहाँ देखो वहाँ गरम गरम चुनावी चर्चा ,गर्मी के तेवर को भी ठेंगा दिखाते पूरे उफान पर है ,चाय के ठेले, मीटिंग रूम, सेमिनार, मेले हर जगह चुनावी चटखारे ले लेकर लोग डकार मार रहे हैं। और आज तो मेरे शहर के लोग कुछ ज्यादा ही उत्साहित है, मेरा शहर कुछ उन गिने चुने भाग्याशाली शहरों में है जो भले ही एक शहर के सभी मानदंडों पर खरा नहीं उतरता हो लेकिन नाम के पीछे ही शहर लगा दिया गया है, अब आप ये मत कहना की नाम बड़े और दर्शन छोटे, अभी नाम है तो आगे नाम जैसा काम भी होगा,इसी आशा में शहर को जिले की सौगात भी पिछले चुनावों के दौरान ,बांटी जा रही रेबडी के तहत मिल गयी थी. खैर विषय से भटकना नहीं चाहता ,मेरा शहर आज दुल्हन की तरहा सजा हुआ है, चारों तरफ बड़े बड़े बैनर लगे हैं, बैनर में एक एक बहुत ही ऊँची मूंछ और पहुँच वाले मंत्री जी के आदम कद कट आउट लगे हुए है ,दोनों हाथ जुड़े हुए मुद्रा में मंत्री जी की कंटीली मुस्कराहट गजब ढा रही है ! ये हमारे क्षेत्र के बड़े मंत्री है जो की सत्ता रूढ़ सरकार में हैं और क्षेत्र के सांसद चुनाव के लिए खड़े हुए प्रत्याशी के चुनाव प्रचार के लिए आने वाले हैं, सांसद भी अपना मुहँ हमे पांच साल बाद ही दिखाते है ,शायद आज इनकी मुहँ दिखाई की रस्म है !  रैली में भीड़ जुटाने को कार्यकर्ता अपने घर की नेताइन की झिड़क और तानों को ताक पर रखकर ,काम धंधे सभी को भूलकर लगे हुए हैं, साम दाम दंड भेद की नीति का पूर्ण प्रयोग करते हुए भीड़ जुटाने के सभी साधन उपयोग में लाये जा रहे है  ,मंत्री जी की खिदमात में इस बार भीड़ जुटाने का पिछ्ला रिकॉर्ड तोड़ना है । चुनाव संहिता किस चिड़िया का नाम है ये शहर वाले आज तक नहीं जान पाए हैं। बड़े बड़े होर्डिंग्स लगे हैं, घर घर पर्चे बांटे जा रहे हैं, नरेगा के मजदूरों को भी आज काम पर नहीं जाना क्योंकि आज नरेगा के तहत मिलने वाले मजदूरी बिना कोई कमीशन ,मास्टर रोल बनाने वाले पटवारी को दिए ,नेताजी के यहां से जेब में सरका दी  गई है, बस करना क्या है रैली में जाना है, भीड़ मेंमंत्री जी जिंदाबाद के नारे लगाने हैं, और हर ५ मिनट में तालियाँ बजानी हैं बस। चूंकि मंत्री जी हैं, लाल बत्ती की गाड़ियां और हेलीकॉप्टर कुर्सी के साथ साथ ही चिपक गए है ! ये लाल बत्ती की गाडी और हेलीकाप्टर ,जिसे गाँव में चील गाडी भी कहते थे ,दो ऐसी चीजें जिसका क्रेज अमूमन सभी बूढ़े बच्चों को है, नेताजी के चेहरे से ज्यादा इनकी शक्ल देखकर सब अभिभूत हो जाते हैं, एक तो लाल बत्ती के साथ साथ सन्नाटेदार बजती सायरन की घंटी बरबस  सभी का मन मोह लेती है , ट्रैफिक पुलिस वाले भी अपनी वर्दी में तैनात मुस्तैदी से सड़कों पर और  चौराहे पर नजर आ रहे हैं, ये ट्रैफिक पुलिस वाले सिर्फ नेता जी के आगमन पर ही सक्रिय होते हैं, शहर एकदम चकाचक सा, सड़कें साफ सुथरी सी नजर आती हैं ,सड़क के गड्ढे भर दिए गए हैं ताकि नेताजी की गाड़ी हिचकोले नहीं खाए। कुल मिलकर शहर को दुल्हन की तरहा सजाने के जितने भी प्रयास हो सकते है वो सभी हल्दी ,मेहंदी की रस्मे निभा दी गयी है | हेलीकॉप्टर जहाँ उतरेगा उस मैदान में टेम्पररी हेलीपैड बन गया है, एक्स्ट्रा पुलिस बल की टुकड़ी जो बाहर से बुलवाई गयी है , १० दिन पहले से स्कूल के कमरों पर अपना अधिपत्य जमाकर बैठी है, स्कूल की वेकेशन चल रही है, अध्यापकों को चुनाव ड्यूटी में घसीट लिया गया है | जैसे ही हेलीकाप्टर आकाश  में दिखाई दिया,इकठी हुई भीड़ ने दोनों हाथों को आकाश की और फैलाकर, उठती निगाहों से देवदूत का और उसके वायु यान का स्वगत किया, मंत्री जी की जयकार के कानफोडू नारे से धरती और आकाश दोनों थरथर कांपने लगे. जैसे ही हेलीकाप्टर लैंड हुआ ,जनता जनार्दन की भीड़ मंत्री जी के हेलीकॉप्टर की तरफ लपकी , लैंडिंग से उड़ती धूल से धूल धूसरित होकर गदगद हुई , इस प्रकार मंत्री जी के चरणों की धूल तो नहीं, हां उनके वाहन की धूल को ही अपने माथे से लगाकर जनता अपने आपको धन्य मान रही थी । नेताजी का एक और कार्यक्रम है, इस बार नेताजी ने एक दलित का घर चुना है, अपने दलित प्रेम को दिखाने के लिए उस के घर का निवाला खाएंगे, इसकी भी तैयारियाँ साथ साथ चल रही हैं। १० दिन पहले से ही जिस घर में निवाला तोड़ा जाएगा उस घर की सुरक्षा चाक चौबंद कर दी गई थी । सभी घर के सदस्यों का पब्लिक में आवाजाही बंद कर दी गयी | न्यूज़ चैनल वालों की ओपी वैनों का  घर के आगे जमावड़ा लग गया, दलित परिवार का इंटरव्यू हो रहा है, दलित परिवार रातों रात प्रसिद्ध हो गया, १० दिन से घर में नजर बंद ,उस परिवार के किसी भी सदस्य को मजदूरी के लिए नहीं जाने दिया जा रहा था ,दलित परिवार भी इस दिलासा में की चलो प्रभु खुद चलकर द्वार पर पधार रहे है,वो इसे ही अपना परम सोभाग्य मान कर टीवी चैनल वालों को अपनी बत्तीसी दिखा कर खुशी जाहिर कर रहा है | दलित कैसे रोटी खाता है, कैसे खाना पकाता है, कैसे सोता है, इस सबका विस्तृत विश्लेषण न्यूज़ चैनल की सुर्खियाँ बन गयी है ! उसके एक कमरे के कच्चे घर का ३६० डिग्री व्यू टीवी चैनल पर प्रसारित हो रहा था । पूरे देश में इस परम भाग्यशाली दलित की चर्चा हो रही है ,उसके चूल्हे पर राशन की लाइन में धक्के खाने से बंटोरे हुए चावल चढ़ाए गए थे , न्यूज़ चैनल वाले दलित द्वारा चावल कैसे पकाए जाते हैं, इस पाक कला का भी प्रसारण हो रहा है ! मंत्री जी के आने में देरी है। लेकिन सभी इस खबर के एक एक पल का लाइव अपडेट देने के लिए उस छोटे से रूम में जमे  हुए हैं | बाहर जनता जनार्दन की  बहुत ज्यादा भीड़ इकट्ठी हो गई है ,पुलिस वाले कुछ मुस्तैदी से , कुछ लाठी के हलके प्रयोग से और फुल टॉस गाली गलौज के प्रयोग से लोगों को टेम्पररी बने वाधाओं से परे रहने को कहा जा रहा है। मंत्री जी की स्पेशल डिमांड पर दाल भात बनाया जा रहा है, बिस्लेरी पानी मंगवा कर उसे पहले ही दलित के  मटके में डाल दिया है, मिटटी के घड़े में पानी ठंडा कैसे रहता है इस का एक विस्तृत वैज्ञानिक विश्लेषण देश के जाने माने वैज्ञानिकों द्वारा टीवी न्यूज़ चैनल पर किया जा रहा है | सिक्योरिटी वाले दाल भात मंत्री जी को खिलाने से पहले “फूड टेस्टिंग के नाम पर आधा दाल भात खत्म कर चुके हैं। लो मंत्री जी की गाड़ी भी आ गयी है , पीछे लंबा फर्राटेदार गाड़ियों का काफिला सांय सांय करता हुआ  दलित के घर के सामने आ चुका है, अजब ही माहौल है जी,लोकतंत्र का जीवंत सजीव माहौल देखने को मिल रहा है, सभी चैनलों पर इस असीम अभूतपूर्व क्षण को कैद करने की होड़ मची हुई है, न्यूज़ चैनल वालों की धक्का मुक्की  और  गाली  गलौज चरम सीमा पर पहुँच चुकी है, उनके आपसी संवाद से पता लगता है की इंग्लिश चैनल वाले भी गालिया देते वक्त अपनी मात्रभाषा का ही प्रयोग करते है ! मंत्री जी को गाडी से बहार निकाला गया,सुरक्षा घेरे ने उन्हें घेर लिया, मंत्री जी के मुखमंडल को देखने के लिए भीड़ उतावली हो गयी ,अधिकाँश पार्टी के कार्यकर्त्ता जो इतने दिनों से हाड़तोड़ मेहनत  कर रहे थे, मंत्री जी की एक झलक को अपने साथ सेल्फी लेकर सोशल मीडिया पर अपनी मंत्री जी तक पहुँच को वायरल करने की होड़ में लगे हुए थे |आखिरकार सुरक्षा घेरे ने भीड़ को चीरते हुए,धकियाते और गरियाते हुए मंत्री जी को दलित के द्वार तक पहुंचा ही दिया |  मंत्री जी ने एक ग्रास दाल भात का अपने मुंह से छुआ, ५ मिनट तक उसे मुंह के पास लगाते रहे, जब तक सभी कैमरों ने इस कौर को कई बार रीटेक कर के कैद नहीं  कर लिया ,तब तक मंत्री जी ने उस कौर को अंदर नहीं जाने दिया, और दलित की मटकी में भरे बिस्लेरी पानी की  दो घूंट पीकर उठ खड़े हुए, मंत्री जी  और दलित परिवार के एक आत्मीय मिलन का फोटो का अगले दिन अखबारों की सुर्खियां बनाने के लिए कई कैमरों ने एक साथ अपने फ़्लैश को चमका दिए । बाहर  दलित जिंदाबाद, दलितों के मसीहा जिंदाबाद के नारों से आसमान  गूंज  रहा  है।

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