Patang (kite) पतंग Hindi poem by Mahadev Premi

आज की मेरी कविता पतंग और पतंग बाजी को समर्पित. हमारे देश में पतंगबाजी खेल एवं मनोरंजन की ऐसी विधा है जो देश के हर कोने में पायी जाती है. लोग त्यौहार या किसी खुशी के अवसर पर परिवार के साथ इस पतंबाजी का शौक पूरा करते है. देश में कई जगह पतंग महोत्सव भी मनाया जाता है

“पतंग”
पतंग डोर चरखी सहित,लग जाये जव हाथ,
तुरत उड़े आकाश में,होय हवा का साथ,

होय हवा का साथ,संग सह कर्मी आवें,
ऊंची भरे उडान ,और नभ में चढ जावे,

काली पीली लाल,आदि को संग में लावे,
डोरी माझा लेय ,सभी छत पर चढ जावे,

“प्रेमी”कन्नी काट, लड़े एक दूजे के संग,
पेंच लड़ाना आय,वोही काट देय पतंग।

रचियता- महादेव प्रेमी

Mahadev Prashad Premi

साहित्यिक नाम-महादेव प्रेमी जन्म स्थान-ग्राम परीता स्थाई पता- संजय कालोनी…

साहित्यिक नाम-महादेव प्रेमी जन्म स्थान-ग्राम परीता स्थाई पता- संजय कालोनी गर्ग होस्पीटल गंगापुर सिटी ,स0 मा0 (राज0)322201 मोबाईल 9667627720 संप्रति:चिकित्सा कर्मी कार्य क्षेत्र:चिकित्सा कार्य लेखन विधा-गजल,गीत,कविता और पहेली लेखन आदि प्रकाशन:(1)”बूझोबल” पहेली संग्रह प्राप्त सम्मान:कई सामाजिक व साहित्यिक सम्मान प्राप्त लेखनी उद्देश:सामाजिक विसंगतियों पर लिखना प्रेरणा पुञ्ज:स्वयम एवम अन्य लेखक रुचियां: साहित्य लेखन/अध्यापन

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