रिश्ते -Relationship कविता हिंदी में -रचियता महादेव प्रेमी

कहते है रिश्तों की बगिया में एक रिश्ता नीम के पेड़ जैसा भी रखना, जो सीख भले ही कड़वी देता हो पर तकलीफ में मरहम भी बनता है
कुछ ऐसे ही रिश्तो की खाती मीठी बातो को कविता के माध्यम से पिरोया है

‘रिश्ते

लोभ और स्वारथ वश लोग,
रिस्ते नाते तोड लेते हैं,

अंत में परिणाम को पाकर,
पछता भी लेते हैं

मिट्टी का वर्तन,
और परिवार जोडने की कीमत ,

वो ही समझते हैं,
तोडने वाले तो तोडा ही करते हैं ।

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Mahadev Prashad Premi

साहित्यिक नाम-महादेव प्रेमी जन्म स्थान-ग्राम परीता स्थाई पता- संजय कालोनी…

साहित्यिक नाम-महादेव प्रेमी जन्म स्थान-ग्राम परीता स्थाई पता- संजय कालोनी गर्ग होस्पीटल गंगापुर सिटी ,स0 मा0 (राज0)322201 मोबाईल 9667627720 संप्रति:चिकित्सा कर्मी कार्य क्षेत्र:चिकित्सा कार्य लेखन विधा-गजल,गीत,कविता और पहेली लेखन आदि प्रकाशन:(1)”बूझोबल” पहेली संग्रह प्राप्त सम्मान:कई सामाजिक व साहित्यिक सम्मान प्राप्त लेखनी उद्देश:सामाजिक विसंगतियों पर लिखना प्रेरणा पुञ्ज:स्वयम एवम अन्य लेखक रुचियां: साहित्य लेखन/अध्यापन

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