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रिश्ते -Relationship कविता हिंदी में -रचियता महादेव प्रेमी

rishte kavita hindi

कहते है रिश्तों की बगिया में एक रिश्ता नीम के पेड़ जैसा भी रखना, जो सीख भले ही कड़वी देता हो पर तकलीफ में मरहम भी बनता है
कुछ ऐसे ही रिश्तो की खाती मीठी बातो को कविता के माध्यम से पिरोया है

‘रिश्ते

लोभ और स्वारथ वश लोग,
रिस्ते नाते तोड लेते हैं,

अंत में परिणाम को पाकर,
पछता भी लेते हैं

मिट्टी का वर्तन,
और परिवार जोडने की कीमत ,

वो ही समझते हैं,
तोडने वाले तो तोडा ही करते हैं ।

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