आज जब हम 150 वर्षों की उस विराट यात्रा को स्मरण करते हैं, जिसकी धड़कनों में भारत का गौरव, संघर्ष और एकता गूँजती है, तो अनायास ही मन सरदार वल्लभ भाई पटेल की उस अद्भुत गाथा को नमन करने लगता है। वह महानायक, जिसने बिखरे हुए भारत को एक सूत्र में पिरोकर उसे अखंड राष्ट्र का स्वरूप दिया—562 रियासतों का विलय किसी प्रशासनिक कार्यवाही का परिणाम नहीं था, बल्कि लौह-पुरुष की दृढ़ इच्छाशक्ति, राजनीतिक सूझबूझ और राष्ट्रभक्ति का इतिहास था। आज भी जब हम स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के सामने खड़े होते हैं, तो लगता है जैसे सरदार साहब स्वयं हमें पुकारकर कह रहे हों—“जुड़ो, बढ़ो और एक भारत श्रेष्ठ भारत का निर्माण करो।”
इसी प्रेरणा को नई पीढ़ी के दिलों में जगाने के लिए सरदार @150 यूनिटी मार्च एक राष्ट्रीय जन-अभियान के रूप में आकार ले रहा है। आधुनिक भारत की संवेदना, डिजिटल युग की ऊर्जा और युवाओं की भागीदारी से यह यात्रा सिर्फ एक आयोजन नहीं, बल्कि भावनाओं, मूल्यों और संकल्पों का उत्सव बनने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा परिकल्पित विकसित भारत का सपना, और सरदार पटेल द्वारा दिखाया गया आत्मनिर्भर भारत का मार्ग—दोनों इस अभियान में एक दूसरे का हाथ थामते प्रतीत होते हैं।
6 अक्टूबर 2025 से डिजिटल जगत में इसकी शुरुआत हो चुकी है , जहां My Bharat पोर्टल इस जन-अभियान का केंद्रीय मंच बना था । सरदार @150 पर आधारित राष्ट्रीय निबंध प्रतियोगिता, सोशल मीडिया रील चैलेंज, सरदार पटेल पॉडकास्ट श्रृंखला, और यंग लीडर्स प्रोग्राम—युवा शक्ति को अपनी प्रतिभा दिखाने और राष्ट्र-निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाने का अवसर देंगे। ऑनलाइन गतिविधियों का यह विशाल कैनवास हर उस युवा को जोड़ने का प्रयास है जो भारत के भविष्य में योगदान देने का सपने देखता है।
31 अक्टूबर से 25 नवंबर तक पूरे देश में जिला-स्तरीय पद यात्राएं आयोजित हो रही हैं । कश्मीर से कन्याकुमारी और कच्छ से कोहिमा तक 779 जिलों में एक साथ उठते कदम, सरदार पटेल के सपने को फिर से जीवंत करेंगे। यह पैदल यात्रा सिर्फ दो बिंदुओं के बीच की दूरी तय करने का माध्यम नहीं, बल्कि मन से मन और संस्कृति से संस्कृति को जोड़ने का प्रयास है। गांवों में नुक्कड़ नाटक, स्थानीय कलाकारों की प्रस्तुतियां, स्वदेशी प्रदर्शनियां, “एक पेड़ माँ के नाम” जैसी प्रेरक गतिविधियां—हर पड़ाव पर आत्मनिर्भर भारत का संदेश गूँजेगा।
यात्रा का चरम क्षण होगा राष्ट्रीय पद यात्रा, जो 26 नवंबर से 6 दिसंबर तक करमसद—सरदार पटेल के जन्मस्थान से शुरू होकर एकता नगर—विश्व की सबसे विशाल मानवाकृति प्रतिमा, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी तक पहुंचेगी। लगभग 152 किमी लंबी इस यात्रा में 150 चयनित युवा भाग लेंगे, जिन्हें राष्ट्रीय क्विज और प्रतियोगिताओं के आधार पर चुना जाएगा। इन युवाओं के लिए यह सिर्फ यात्रा नहीं, बल्कि जीवन की सबसे महत्त्वपूर्ण सीख होगी—एकता, परिश्रम, अनुशासन और भारत के निर्माण में अपनी भूमिका को समझने की। यात्रा के दौरान सभी प्रतिभागी खादी पहनकर चलेंगे—मानो गांधी और पटेल दोनों की आत्माएं साथ चल रही हों।
इस यात्रा के बीच 30 प्रमुख पड़ाव, 20 गतिविधि केंद्र और 9 संवाद सत्र होंगे। प्रशासन, एनएसएस, एनसीसी और माय भारत के वालंटियर मिलकर इस पूरी यात्रा को स्वावलंबी और अनुशासित बनाएंगे। पानी पिलाने से लेकर स्वच्छता तक, मीडिया कवरेज से लेकर जन संवाद तक—सब कुछ युवाओं के हाथों में, जैसे भविष्य की बागडोर ही उनके भरोसे सौंपी जा रही हो।
पूर्व-प्रचार के रूप में स्कूलों और कॉलेजों में निबंध, वाद-विवाद प्रतियोगिताएं, स्वदेशी मेले, योग शिविर, नशामुक्ति अभियान, और सोशल मीडिया पर व्यापक जागरूकता का प्रसार किया जाएगा। मीडिया और इन्फ्लुएंसर नेटवर्क इस अभियान को राष्ट्रव्यापी स्वरूप देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय मंत्री ने विस्तार से बताया कि यह यात्रा पूरी तरह राजनीतिक रंग से अलग, एकता और आत्मनिर्भरता की भावना से प्रेरित है। सभी जिलों में आयोजन सरकारी व्यवस्था के अंतर्गत होगा, लेकिन किसी भी नागरिक, संस्था, क्लब या स्वयंसेवी संगठन को इसमें भाग लेने से रोका नहीं जाएगा—बल्कि यह यात्रा सभी के लिए खुला निमंत्रण है। सवालों के जवाब देते हुए मंत्री ने स्पष्ट कहा कि “यह यात्रा भारत के 140 करोड़ नागरिकों की है, कोई भी चाहे तो इसमें शामिल हो सकता है।” सुरक्षा, स्वास्थ्य और प्रशासनिक व्यवस्था का पूरा ध्यान रखा जाएगा और स्थानीय प्रशासन सभी स्तरों पर सहयोग करेगा।
यात्रा के समापन पर एकता नगर में भव्य कार्यक्रम आयोजित होगा, जिसमें देश के वरिष्ठ नेता और विशिष्ट जन प्रतिनिधि शामिल होंगे। यह समापन समारोह केवल कार्यक्रम का अंत नहीं, बल्कि एक नए संकल्प का आरंभ होगा—एकता, आत्मनिर्भरता और राष्ट्रीय चेतना का संकल्प।
वास्तव में सरदार @150 यूनिटी मार्च हमारे समय की सबसे महत्वपूर्ण सामूहिक यात्रा बनने जा रहा है। यह एक ऐसा क्षण है जहाँ हम इतिहास को सिर्फ पढ़ नहीं रहे, बल्कि उसे फिर से जी रहे हैं। यह यात्रा उन मूल्यों को पुनर्स्थापित करने का अवसर है, जो कभी इस देश की आत्मा थे—एकता, कर्तव्यनिष्ठा, राष्ट्रप्रेम और आत्मनिर्भरता।
इसलिए देश का युवा सभी से आग्रह करता है—
आइए, कदम से कदम मिलाइए।
एकता का संदेश दीजिए।
विकसित भारत की आवाज़ बनिए।
और इस ऐतिहासिक आंदोलन का हिस्सा बनने के लिए
www.mybharat.gov.in पर रजिस्टर कीजिए।
यही अवसर है—सरदार पटेल के सपने को साकार करने का।

— डॉ. मुकेश ‘असीमित’
मेरी व्यंग्यात्मक पुस्तकें खरीदने के लिए लिंक पर क्लिक करें – “Girne Mein Kya Harz Hai” और “Roses and Thorns”
Notion Press –Roses and Thorns
संपर्क: [email protected]
YouTube Channel: Dr Mukesh Aseemit – Vyangya Vatika
📲 WhatsApp Channel – डॉ मुकेश असीमित 🔔
📘 Facebook Page – Dr Mukesh Aseemit 👍
📸 Instagram Page – Mukesh Garg | The Focus Unlimited 🌟
💼 LinkedIn – Dr Mukesh Garg 🧑⚕️
🐦 X (Twitter) – Dr Mukesh Aseemit 🗣️