आजाद गजल-देश पर एहसान उनके Prahalad Shrimali September 21, 2025 हिंदी कविता 0 Comments “आजाद ग़ज़ल” जीवन, समाज और राष्ट्र के विरोधाभासों का जीवंत चित्र खींचती है। माँ की गोद में मासूमियत है तो जंगलों के कटने पर पत्तों… Spread the love
गालियों का बाज़ार डॉ मुकेश 'असीमित' May 22, 2025 व्यंग रचनाएं 0 Comments “गालियों का बाज़ार” नामक उस लोकतांत्रिक तमाशे का प्रतीक है जहाँ भाषाई स्वतंत्रता के नाम पर अपशब्दों की होड़ है। हर कोई वक्ता है, हर… Spread the love