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Tag: अध्यात्म

“एक अमूर्त चित्र जिसमें ध्यानमग्न मानव आकृति के भीतर से निकलती सुनहरी किरणें बाहरी ब्रह्मांड में विलीन हो रही हैं — जो आत्म से विश्व तक की चेतना यात्रा का प्रतीक हैं।”

आत्मबोध से विश्वबोध तक — चेतना की वह यात्रा जो मनुष्य को ‘मैं’ से ‘हम’ बनाती है

“मनुष्य की सबसे लंबी यात्रा कोई भौगोलिक नहीं होती — वह भीतर जाती है। आत्मबोध से विश्वबोध तक की यह यात्रा ‘मैं’ से ‘हम’ बनने…

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“Rigveda’s Nasadiya Sukta — mystical depiction of universe emerging from cosmic darkness with a meditating sage symbolizing creation and consciousness.”

नासदीय सूक्त की दार्शनिक व्याख्या

ऋग्वेद का नासदीय सूक्त ब्रह्मांड की उत्पत्ति पर विश्व के सबसे प्राचीन दार्शनिक चिंतन में से एक है। यह कहता है कि जब न अस्तित्व…

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"कृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत उठाए जाने की लीला का दार्शनिक और सांस्कृतिक विश्लेषण — इंद्र के अहंकार, भक्तिभाव और सामूहिक शरणागति का प्रतीकात्मक चित्रण"

गोवर्धन पूजा — धरती, धारण और धारणा का उत्सव

गोवर्धन लीला केवल एक पौराणिक प्रसंग नहीं, बल्कि मानव चेतना की यात्रा है—जहाँ कृष्ण भक्त के रक्षक, गुरु और प्रेमस्वरूप हैं। इंद्र का गर्व, ब्रजवासियों…

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अमरनाथ यात्रा के दौरान खच्चर और पालकी से पहाड़ी रास्तों पर चढ़ते श्रद्धालु, सामने बर्फ से ढकी चोटी, एक तरफ़ टूटे रास्ते पर गिरती युवती, दूसरी ओर बाबा बर्फानी की गुफा के दर्शन करते श्रद्धालु — थके, डरे, लेकिन संतुष्ट। वातावरण में बर्फ, कीचड़ और आस्था का समावेश।

बाबा बर्फानी की वो अद्भुत यात्रा-भाग प्रथम

इस व्यंग्यात्मक यात्रा संस्मरण में लेखक ने अमरनाथ यात्रा के अनुभव को व्यंग्य, यथार्थ और करुणा के त्रिकोण में पिरोया है। हेलिकॉप्टर टिकट से लेकर…

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जगन्नाथ रथयात्रा में सजे विशाल रथ, सुभद्रा, बलराम और जगन्नाथ की मूर्तियाँ, भक्तों की भीड़, ढोल-नगाड़ों के साथ पुनीत उत्सव का दृश्य। आकाश में लहराती ध्वजा और जामुन की लकड़ी से बनी देवमूर्ति।

“जय जगन्नाथ”-कविता-बात अपने देश की

पुरी का जगन्नाथ धाम, आस्था और अध्यात्म का अद्भुत संगम है। रथयात्रा के उत्सव में धड़कता है प्रभु का हृदय, जो भक्तों से मिलने स्वयं…

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