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Tag: आत्मचिंतन

“ध्यानमग्न मानव आकृति जिसके हृदय से प्रकाश की तरंगें निकलकर ब्रह्मांड में फैल रही हैं — आत्मबोध से विश्वबोध तक की यात्रा का प्रतीकात्मक चित्र।”

आत्मबोध से विश्वबोध तक — चेतना की वह यात्रा जो मनुष्य को ‘मैं’ से ‘हम’ बनाती है

“जब मनुष्य अपने भीतर के ‘मैं’ से जागता है, तभी उसके बाहर का ‘हम’ जन्म लेता है। आत्मबोध से विश्वबोध की यह यात्रा केवल ध्यान…

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आप बधाई के पात्र है

कोरोना काल केवल एक महामारी नहीं था, वह आत्मविश्लेषण का अवसर भी था। आप पेट्रोल बचाकर, नींद पूरी कर, प्रकृति को साँस लेने का मौका…

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