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Tag: आधुनिक साहित्य

"एक रंगीन व्यंग्यात्मक लाइन–चित्र: मंच पर खाली कुर्सियाँ हैं, लेकिन मोबाइल स्क्रीन पर कवि ताज पहनकर बैठे हैं। एक तरफ फेसबुक कविराज अंगूठा उठाए दिख रहा है, ट्विटरबाज पक्षी के पंखों संग ट्वीट उगल रहा है, बीच में सेल्फी–क्वीन दण्डी पकड़े इठला रही है, और पीछे रसगुल्ला खाते कविगण मुस्कुरा रहे हैं। सत्य एक कोने में उदास बैठा जम्हाई ले रहा है।"

अथ खालीदास साहित्यकथा-हास्य व्यंग्य रचना

“अथ खालीदास साहित्यकथा” आज के साहित्य की खिचड़ी परोसती है। फेसबुकिये कविराज, ट्विटरबाज महंत, सेल्फी–क्वीन और रीलबाज कविगण – सब मंच से उतरकर मोबाइल स्क्रीन…

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कोई हमारे नाम के आगे भी तखल्लुस सुझाए -व्यंग रचना

‘कोई हमारे नाम के आगे भी तखल्लुस सुझाए -व्यंग रचना’ में लेखक ने अपने लेखनी के सफर को जिस खूबसूरती से बयां किया है, वह…

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