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Tag: टैक्सपेयर

एक करेक्चर चित्र जिसमें एक वृद्धा जैसी "रेवड़ी देवी" घूंघट में लिपटी हैं, आंखों में आंसू, हाथ में घोषणाओं के पोस्टर — "फ्री बिजली", "फ्री पानी", "फ्री वाई-फाई" — चारों ओर नेता उन्हें मंचों से उछालते दिख रहे हैं, भीड़ ताली बजा रही है, और एक कोना अंधकारमय है जहां मेहनतकश किसान और मजदूर थके हुए बैठे हैं।

रेवड़ी की सिसकियां-व्यंग्य रचना

“रेवड़ी की सिसकियां” एक व्यंग्यात्मक संवाद है उस ‘जनकल्याणकारी नीति’ की आत्मा से, जिसे अब राजनैतिक मुफ्तखोरी की देवी बना दिया गया है। लेख में…

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एक व्यंग्यात्मक चित्र जिसमें एक नाग दूध के कटोरे के सामने बैठा है, आस-पास सूट-बूट पहने नेतागण नाग की पूजा कर रहे हैं और जनता टैक्स रूपी दूध से कटोरा भर रही है। पीछे पोस्टर पर लिखा है — "लोकतंत्र में नागों की जय!"

वोट से विष तक : नागों का लोकतांत्रिक सफर

यह रचना नाग पंचमी के बहाने लोकतांत्रिक व्यवस्था पर करारा व्यंग्य है। इसमें नाग रूपी नेताओं की तुलना असली साँपों से करते हुए बताया गया…

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