दोस्ती की सीमा और फेसबुक का परिवार नियोजन कार्यक्रम डॉ मुकेश 'असीमित' October 30, 2025 व्यंग रचनाएं 0 Comments फेसबुक अब भावनाओं पर भी पाबंदी लगाने वाला पहला सोशल प्लेटफॉर्म बन गया है। पाँच हज़ार दोस्त पूरे होते ही दिल कहता है “Accept,” और… Spread the love
दोस्ती और उधार-हास्य व्यंग्य रचना डॉ मुकेश 'असीमित' September 18, 2025 व्यंग रचनाएं 2 Comments दोस्ती अमृत है, मगर उधार की चिपचिपाहट इसे छाछ बना देती है। वही दोस्त जो आपकी माँ का हाल पूछता था, अचानक आपकी क्रेडिट कार्ड… Spread the love
दोस्त बदल गए हैं यार-कविता रचना डॉ मुकेश 'असीमित' August 4, 2025 हिंदी कविता 2 Comments समय की धारा में बहते हुए रिश्तों का यह मार्मिक चित्रण है — जहाँ कभी हँसी-ठिठोली, सपनों की साझेदारी और चाय की चौपाल थी, वहाँ… Spread the love