रिश्वतोपाख्यान — श्रीकृष्णार्जुन संवाद डॉ मुकेश 'असीमित' July 3, 2025 व्यंग रचनाएं 1 Comment श्रीकृष्ण अर्जुन को कलियुग की विभीषिका ‘रिश्वत’ के स्वरूप से अवगत करा रहे हैं। पार्श्व में छिपा राक्षसी रूप और धनराशि की पोटलियाँ इस भ्रष्टाचार… Spread the love
द्रोपदी का चीर हरण -कविता-बात-अपने-देश-की Uttam Kumar June 29, 2025 हिंदी कविता 0 Comments द्रोपदी की पुकार, कृष्ण की कृपा और महारथियों की चुप्पी — यह कविता महाभारत की उस घड़ी का चित्रण है जहाँ न्याय मौन हो गया,… Spread the love