काश दीवारें बोल उठतीं डॉ मुकेश 'असीमित' September 15, 2025 हिंदी कविता 1 Comment एक धनाढ्य व्यक्ति, जिसने माँ के लिए महल जैसा घर बनाया था, आज बेसुध विलाप कर रहा है। माँ की हल्की करवट पर जाग जाने… Spread the love