वोट से विष तक : नागों का लोकतांत्रिक सफर डॉ मुकेश 'असीमित' July 29, 2025 व्यंग रचनाएं 6 Comments यह रचना नाग पंचमी के बहाने लोकतांत्रिक व्यवस्था पर करारा व्यंग्य है। इसमें नाग रूपी नेताओं की तुलना असली साँपों से करते हुए बताया गया… Spread the love
आश्वासन की खेती-व्यंग्य रचना डॉ मुकेश 'असीमित' July 18, 2025 व्यंग रचनाएं 0 Comments लोकतंत्र आश्वासनों पर टिका है, जहाँ हर पार्टी का घोषणा-पत्र वादों का कठपुतली शो होता है। जनता वोट रूपी टिकट से यह खेल देखती है,… Spread the love