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Tag: व्यंग्य चित्र

“लाइन-चित्र में एक व्यंग्यात्मक दृश्य: उधार लौटाने से बचता दोस्त, दूसरे दोस्त के हाथ में मिठाई का डिब्बा और कर्ज़ की फाइल, पृष्ठभूमि में गुड मॉर्निंग मैसेज और भागते दोस्त।”

दोस्ती और उधार-हास्य व्यंग्य रचना

दोस्ती अमृत है, मगर उधार की चिपचिपाहट इसे छाछ बना देती है। वही दोस्त जो आपकी माँ का हाल पूछता था, अचानक आपकी क्रेडिट कार्ड…

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"व्यंग्यात्मक कार्टून – पिता हाथ में मोटी डिक्शनरी लिए उलझन में, बेटा मोबाइल पर तेज़ी से टाइप करता हुआ। चारों ओर ‘LOL’, ‘ROFL’, ‘BRB’, ‘IDK’ और इमोजी तैरते हुए, पिता के दिमाग़ में बिरयानी का ख्याल, जबकि बेटा डिजिटल हंसी में डूबा।"

क्या पापा – लोल – “लोल हो गया संवाद”

डिजिटल युग की हंसी अब मुँह से नहीं, मोबाइल से निकलती है। पिता ‘LOL’ सुनकर असली हंसी देखना चाहते हैं, जबकि बेटा ‘BRB’, ‘ROFL’, ‘IDK’…

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"एक लेखक-डॉक्टर कार्टून में, जो रात के अंधेरे में लैपटॉप के सामने बैठा है, पीछे डॉक्टर के कोट और स्टेथोस्कोप टँगे हैं, दीवार पर पुरस्कारों की ओर पीठ किए हुए एक ‘गुटबाज़ों’ की फ्रेम टंगी है। कमरे के कोने में खड़ी 'प्रकाशक की सब्सक्रिप्शन मांग' रूपी राक्षसी आकृति लेखक को घूर रही है, जबकि लेखक आत्मसंघर्ष और संतुष्टि के बीच संतुलन साध रहा है।"

रियाज़ की निरंतरता और सृजन का आत्म-संघर्ष

“लेखन जब रियाज़ बन जाए, तो समाज उसे शौक समझने लगता है और गुटबाज़ी उसे अयोग्यता का तमगा पहनाने लगती है। एक डॉक्टर होकर सतत…

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