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Tag: व्यंग्य लेखन

एक व्यंग्यात्मक चित्र जिसमें एक मोटा अमीर व्यक्ति तिजोरी के ऊपर बैठा है, तिजोरी का ताला खोलने की बजाय रोटियों के टुकड़े गिन रहा है; उसके आसपास मोमबत्ती की मद्धम रोशनी, आधा खाया बिस्किट, और नोटों के ढेर पर धूल जमी हुई है — प्रतीकात्मक रूप से “कंजूस करोड़पति” की मानसिकता दर्शाते हुए।

कंजूस मक्खीचूस-हास्य व्यंग्य रचना

कंजूस लोग धन को संग्रह करते हैं, उपभोग नहीं। मगर यह भी कहना होगा कि ये लुटेरों और सूदखोरों से फिर भी भले हैं—क्योंकि कम…

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Cartoon caricature of a man’s oversized belly hanging out of a balcony, blocking the street, while the annoyed neighbor waves a complaint notice.

मैं और मेरा मोटापा – एक प्रेमकथा

“मैं और मेरा मोटापा – एक प्रेमकथा” में तोंद और इंसान का रिश्ता मोहब्बत जैसा दिखाया गया है। पड़ोसी शर्मा जी की खीझ, रिश्तेदारों की…

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एक व्यंग्यकार डॉक्टर अपने क्लिनिक में हड्डी जोड़ने की जगह हास्य और व्यंग्य के धागों से रचना बुनता हुआ, किताबों और सामाजिक प्रतीकों से घिरा चित्र।

गिरने में क्या हर्ज़ है-पुस्तक समीक्षा व्यंग्यकार अर्चना चतुर्वेदी द्वारा

‘गिरने में क्या हर्ज है’ डाक्टर मुकेश ‘असीमित’ जी का पहला व्यंग्य संग्रह है । पहले संग्रह के हिसाब से देखा जाए तो डॉक्टर साब…

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