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Tag: सामाजिकव्यंग्य

एक व्यंग्यात्मक भारतीय कार्टून दृश्य जिसमें एक लेखक मेज पर बैठा लिख रहा है और उसके कंधे पर दो-तीन लोग चोरी-चोरी बंदूक जैसी चीज़ रखकर उससे ‘क्रांति’ करवाने की कोशिश कर रहे हैं। पीछे टीवी, सड़क, टूटे तार और मोहल्ले का अराजक माहौल दिख रहा है। बाकी लोग दूर बैठकर चाय में बिस्कुट डुबोते हुए तमाशा देख रहे हैं।”

आप तो बस लिखते रहिए..

“आप लिखते हैं तो लोग आपको क्रांतिकारी समझ लेते हैं—खुद रिमोट बदलने से डरते हैं पर क्रांति की बंदूक आपके कंधे पर रखकर चलाना चाहते…

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