जमाई राजा—कलियुग के कौवे डॉ मुकेश 'असीमित' September 12, 2025 हास्य रचनाएं 1 Comment श्राद्ध पक्ष में कौवों की कमी ने परम्पराओं को भी स्टार्टअप बना दिया। अब्दुल चाचा दो कौवे पालकर खीर चखवाने का 101 रुपये वाला ‘डिलीवरी… Spread the love
चाँद हो या..कविता रचना Sanjaya Jain July 27, 2025 Hindi poems 3 Comments इस कविता में एक रात का भावचित्र है — जहाँ चाँद नहीं निकला, फिर भी कोई और “चाँद सा” मौजूद है जो सबका ध्यान खींच… Spread the love