चंदागिरी –चौथ वसूली-व्यंग्य रचना डॉ मुकेश 'असीमित' August 27, 2025 व्यंग रचनाएं 0 Comments शहर में चंदागिरी का धंधा खूब फल-फूल रहा है—यह दरअसल हफ्तावसूली का ही सभ्य संस्करण है। देवी-भक्त मंडल से लेकर राम-गौ-गणेश मंडल तक सबके चूल्हे… Spread the love
राजनीति के बम-व्यंग्य रचना Prahalad Shrimali August 20, 2025 व्यंग रचनाएं 0 Comments राजनीति के बम बड़े ही विचित्र होते हैं। असली बम बेचारे जबरन फोड़े जाते हैं, लेकिन राजनीति के बम तो खुद फटने को मचलते हैं।… Spread the love