व्यंग्य का वैश्विक और हिंदी साहित्यिक परिप्रेक्ष्य डॉ मुकेश 'असीमित' November 22, 2025 शोध लेख 0 Comments पश्चिमी साहित्य में ऑस्टेन, स्विफ्ट, ऑरवेल और हक्सले जिस तीक्ष्ण हास्य से समाज और सत्ता की विसंगतियों को खोलते हैं, वहीं हिंदी में परसाई, शरद… Spread the love