Login    |    Register
Menu Close

Tag: creative struggle

"एक लेखक-डॉक्टर कार्टून में, जो रात के अंधेरे में लैपटॉप के सामने बैठा है, पीछे डॉक्टर के कोट और स्टेथोस्कोप टँगे हैं, दीवार पर पुरस्कारों की ओर पीठ किए हुए एक ‘गुटबाज़ों’ की फ्रेम टंगी है। कमरे के कोने में खड़ी 'प्रकाशक की सब्सक्रिप्शन मांग' रूपी राक्षसी आकृति लेखक को घूर रही है, जबकि लेखक आत्मसंघर्ष और संतुष्टि के बीच संतुलन साध रहा है।"

रियाज़ की निरंतरता और सृजन का आत्म-संघर्ष

“लेखन जब रियाज़ बन जाए, तो समाज उसे शौक समझने लगता है और गुटबाज़ी उसे अयोग्यता का तमगा पहनाने लगती है। एक डॉक्टर होकर सतत…

Spread the love