उठ ,चल ,फिर दौड़-Poems-Hindi Vidya Dubey July 10, 2025 हिंदी कविता 2 Comments यह कविता जीवन के संघर्ष, आत्मविश्वास और लक्ष्य साधना की प्रेरणा देती है। गिरने, थमने और लड़खड़ाने के बीच भी उठकर आगे बढ़ते रहने की… Spread the love
एक पत्थर की कहानी -कविता रचना Vidya Dubey July 7, 2025 हिंदी कविता 1 Comment विद्या पोखरियाल की यह कविता “पत्थर हूं मैं” जीवन की विसंगतियों को एक प्रतीक के रूप में प्रस्तुत करती है। यह पत्थर कभी पूजित है,… Spread the love
हां मैं एक औरत हूं-Kavita-Hindi Vidya Dubey July 5, 2025 हिंदी कविता 6 Comments यह कविता स्त्री के संघर्ष, सहनशीलता और उसकी शक्तियों का गान है। माँ, बहन, पत्नी, प्रेमिका, देवी — हर भूमिका में वह समाज की नींव… Spread the love
मैं बच्चा हूँ, ट्रॉफी नहीं-कविता -डॉ मुकेश असीमित डॉ मुकेश 'असीमित' June 30, 2025 हिंदी कविता 1 Comment यह कविता एक बच्चे की अंतरात्मा की पुकार है—जो केवल अपने लिए जीना चाहता है, किसी की महत्वाकांक्षा की ट्रॉफी बनकर नहीं। वह अपने सपनों… Spread the love
‘ परिस्तिथी ‘ Hindi Kavita-Mahadev Premi Mahadev Prashad Premi July 28, 2021 Hindi poems 0 Comments कहा जाता है समय और परिस्थिति सदैव पक्ष में हो ज़रूरी नहीं!हमारा नज़रिया जैसा होता है व्यवहार भी उसी तरह का होने लगता है |… Spread the love
तैरना नहीं आता -कविता हिंदी-रचियता महादेव प्रेमी Mahadev Prashad Premi July 28, 2021 Hindi poems 0 Comments एस अकबरी ने कहा है की तैरना नहीं आता तुम्हे और इल्जाम पानी पर लगाते हो. कविता के माध्यम से लेखक ने इस सांकेतिक भाषा… Spread the love
कोयला -हिंदी कविता- रचियता महादेव प्रेमी Mahadev Prashad Premi July 25, 2021 Hindi poems 0 Comments मनुष्य जीवन की उन्नति संगति से ही होती है। संगति से उसका स्वभाव परिवर्तित हो जाता है। संगति ही उसे नया जन्म देता है। जैसे,… Spread the love
Chinta -चिंता हिंदी कविता-रचियता-महादेव प्रेमी Mahadev Prashad Premi July 25, 2021 Hindi poems 1 Comment चिंता की एक बहुत ही उपयुक्चित व्याख्या विकिपीडिया से ली गयी है “एक भविष्य उन्मुख मनोदशा है, जिसमें एक व्यक्ति आगामी नकारात्मक घटनाओं का सामना… Spread the love
‘ जुवान को समेट कर रखें ‘-Hindi poem Mahadev Prashad Premi July 24, 2021 Poems 0 Comments ‘ जुवान को समेट कर रखें ‘ जुवान पर लगाम औरफलों में आम,ये श्रेष्ठ माने जाते है, किसी ने क्या खूव कहा है,लम्वा धागा और… Spread the love
‘उठाना नहीं’ Hindi Kavita Poem अतुकांत कविता-Mahadev Premi Mahadev Prashad Premi July 24, 2021 Poems 0 Comments ‘उठाना नहीं‘ जिन्दगी का एक सीधा सा गणित याद रखो, जहाँ कदर नहीं,वहां जाना नहीं, जो पचता नहीं,उसे खाना नहीं, और जो सच वोलने पर… Spread the love