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Tag: Indian festivals

“लाइन-आर्ट कार्टून जिसमें डीजे की तेज़ धुन पर लोग डांडिया खेल रहे हैं, माँ दुर्गा की मूर्ति प्रायोजक बैनरों के पीछे दब गई है, बाहर पानी भराव और ट्रैफ़िक, और लोग सेल्फ़ी ले रहे हैं—उत्सव की चमक में छुपी विडंबना।”

गरबा का थोथा गर्व-व्यंग्य रचना

नवरात्रि आते ही शहर गरबा-डांडिया के बुखार में तपने लगता है। भक्ति पीछे, डीजे आगे—फ़ैशन शो, सेल्फ़ी, और सार्वजनिक रोमांस! माँ दुर्गा कोने में दो…

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कार्टून कैरिकेचर में मोहल्ले की आंटियां लैपटॉप व मोबाइल से कन्याओं की बुकिंग करती दिख रही हैं, पीछे पोस्टर लटका है — “Kanjakkart.com – Slot Booking Open.” कुछ कन्याएं मिनी यूनियन बैनर पकड़े खड़ी हैं जिस पर लिखा है “₹100 से कम दक्षिणा नहीं।” एक पंडित गूगल कैलेंडर नोटिफिकेशन देखकर पूजा की तैयारी कर रहा है।

कन्याओं का स्लॉट सिस्टम: अब देवी भी अपॉइंटमेंट से आती हैं!

नवरात्रों का ‘कन्या पूजन’ अब लॉजिस्टिक ऑडिट बन चुका है। मोहल्ले की आंटियां कन्या खोज में परेशान, तो युवाओं ने लॉन्च किया kanjakkart.com — जहाँ…

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एक मिनिमलिस्टिक अमूर्त चित्र जिसमें एक नाज़ुक लाल रक्षा सूत्र का धागा, एक प्रज्वलित मशाल के चारों ओर लिपटा है, पृष्ठभूमि में गहरे साये में छिपे भयावह पंजों की परछाइयाँ। धागा और मशाल मिलकर सुरक्षा और संकल्प का प्रतीक बनते हैं।

रक्षा सूत्र का प्रण-कविता रचना

रक्षा सूत्र का संकल्प सिर्फ परंपरा नहीं, यह भय के अंधेरों में जलती प्रतिज्ञा की मशाल है। नाज़ुक धागे में बंधा विश्वास, समाज की दरारों…

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