गरमा-गरम फुल्के की तलाश डॉ मुकेश 'असीमित' October 30, 2025 लघु कथा 0 Comments मध्यमवर्गीय घरों में शादी अब दहेज या कुंडली से नहीं, फुल्का-कला से तय होती है। बब्बन चाचा का सपना था — एक ऐसी बहू जो… Spread the love
गालों की लाली- हो गई गाली Ram Kumar Joshi October 20, 2025 संस्मरण 0 Comments “कभी सूर्योदय से पहले नहीं उठने वाले अब मुंह-अंधेरे ‘हेलो हाय’ करते जॉगिंग पर हैं। ट्रैक सूट, डियोडरेंट और महिला ट्रेनर ने जैसे रिटायरमेंट में… Spread the love
मध्यमवर्गीय शादियाँ : परंपरा, शोभा और तकनीक का तड़का डॉ मुकेश 'असीमित' October 10, 2025 हास्य रचनाएं 0 Comments हमारे इलाक़े की मध्यमवर्गीय शादियाँ किसी भूले-बिसरे लोकगीत के रीमिक्स जैसी होती हैं — धुन परंपरा की, बोल नए ज़माने के। रिश्ता तय होने की… Spread the love