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Tag: व्यंग्य संग्रह

एक व्यंग्यकार डॉक्टर अपने क्लिनिक में हड्डी जोड़ने की जगह हास्य और व्यंग्य के धागों से रचना बुनता हुआ, किताबों और सामाजिक प्रतीकों से घिरा चित्र।

गिरने में क्या हर्ज़ है-पुस्तक समीक्षा व्यंग्यकार अर्चना चतुर्वेदी द्वारा

‘गिरने में क्या हर्ज है’ डाक्टर मुकेश ‘असीमित’ जी का पहला व्यंग्य संग्रह है । पहले संग्रह के हिसाब से देखा जाए तो डॉक्टर साब…

हाथ में अपनी पुस्तक गिरने में क्या हर्ज़ है पकड़े हुए डॉ. मुकेश असीमित की मुस्कुराती हुई तस्वीर। पुस्तक का आवरण चित्रात्मक शैली में व्यंग्य भाव के साथ सजी है जिसमें एक राजनेता सीढ़ियों से गिरते हुए दिखाया गया है।

व्यंग्य की दुनिया में एक जागरूक आमद -पुस्तक समीक्षा -डॉ अतुल चतुर्वेदी

‘गिरने में क्या हर्ज़ है’ एक बहुआयामी व्यंग्य संग्रह है जिसमें डॉ. मुकेश असीमित ने समाज, राजनीति, शिक्षा और चिकित्सा जैसे क्षेत्रों की विसंगतियों को…