हिंदी दिवस-माइक, माला और मातृभाषा डॉ मुकेश 'असीमित' September 13, 2025 व्यंग रचनाएं 0 Comments ओपीडी में लेखक-डॉक्टर को एक चालाक रिश्तेदार ‘हिंदी दिवस’ पर मुख्य अतिथि का न्योता थमा देता है—मंशा डोनेशन बटोरने की। तैयारियों के बीच सड़क पर… Spread the love
लोकतंत्र का रक्षा बंधन पर्व-व्यंग्य रचना डॉ मुकेश 'असीमित' August 9, 2025 व्यंग रचनाएं 0 Comments रक्षा बंधन पर्व का नया संस्करण—भ्रष्टाचार और रिश्वत का भाई-बहन का पवित्र रिश्ता। सत्ता और विपक्ष दोनों पंडाल में, ₹2000 की नोटों की साड़ी पहने… Spread the love